आंदोलन कारण वेरका मिल्क प्लांट और किसानों को 4 करोड़ का नुक्सान

punjabkesari.in Tuesday, Jun 05, 2018 - 11:55 AM (IST)

पटियाला (जोसन) : किसान आंदोलन के कारण पटियाला में स्थित वेरका मिल्क प्लांट और इसके साथ जुड़े किसानों का करीब 4 करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान हो गया है जिससे परेशान वेरका के सीनियर अधिकारियों ने एस.एस.पी. और डिप्टी कमिश्नर के साथ मुलाकात करके किसानों से वेरका प्लांट आजाद कराने की अपील की है। उल्लेखनीय है कि यह प्लांट पंजाब समेत हरियाणा और कई अन्य राज्यों को रोजाना खाने-पीने की वस्तुएं सप्लाई करता है। 

वेरका मिल्क प्लांट में रोजाना किसानों समेत अन्य अलग-अलग स्रोतों से लगभग 1.32 लाख लीटर दूध आता है, जोकि करीब 38 रुपए प्रति लीटर के हिसाब के साथ 55 लाख रुपए का नुक्सान बनता है। प्लांट हर रोज इसमें से 35 हजार लीटर दूध लोगों के लिए सप्लाई करता है जोकि 43 रुपए से 53 रुपए प्रति लीटर बिकता है। इसके अलावा दूध, दही, खीर, पनीर और अन्य वस्तुओं की सप्लाई किसानों ने पूरी तरह ठप्प करवा दी। यह किसान वेरका मिल्क प्लांट के आगे धरने पर बैठे हैं, जिस कारण न तो दूध प्लांट के अंदर जा रहा है और न ही प्लांट के अंदर से कोई सामान बाहर लाने दिया जा रहा है।

इसके अलावा वेरका मिल्क प्लांट के बाहर एक वेरका बार बनी हुई है, जिसकी हर रोज सवा लाख से लेकर डेढ़ लाख तक सेल होती थी। वह भी किसानों ने बंद करवा दी है। प्लांट की लेबर बिना काम के बैठी है और काम बंद है। इसके साथ कुल मिला कर अब तक प्लांट का 4 करोड़ से अधिक का नुक्सान हो चुका है। यह नुक्सान सिर्फ वेरका प्लांट का ही नहीं बल्कि किसानों का भी हुआ है, क्योंकि वेरका में दूध किसानों से ही खरीदा जाता है, जिसके बदले उनको पैसे दिए जाते हैं। इसलिए यदि दूध की खरीद नहीं होगी तो किसानों को पैसे भी नहीं मिलेंगे। 

करोड़ों के नुक्सान की भरपाई मुश्किल : जी.एम.
इस संबंधी वेरका मिल्क प्लांट पटियाला के जी.एम. मदन कुमार मदान ने कहा कि वह प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को मिल कर मांग पत्र दे चुके हैं और कह चुके हैं कि किसानों की हड़ताल बेशक जारी रहे, परंतु हमारा नुक्सान न किया जाए तथा हमारे प्लांट को आजाद करवाया जाए।  उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपए के नुक्सान की भरपाई बहुत मुश्किल होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को संयम से काम लेना चाहिए और धक्का नहीं करना चाहिए। 

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