किसानों की मांग-10 घंटे दी जाए बिजली सप्लाई

punjabkesari.in Tuesday, Jun 12, 2018 - 09:57 AM (IST)

पटियाला (जोसन): भारतीय किसान यूनियन (लक्खोवाल) की तरफ से धान की बुआई के लिए 12 जून से बिजली की सप्लाई शुरू करवाने के लिए सीनियर उप-प्रधान मास्टर शमशेर सिंह घडूंआ के नेतृत्व में पावरकॉम के दफ्तर का घेराव पंजाब से आए हजारों किसानों ने किया और पिछले दिनों से ट्यूबवैलों के लिए बिजली की सप्लाई न मिलने के कारण किसानों ने रोष के तौर पर अपने टयूबवैलों की चाबियां अफसरों को सौंपीं। इस मौके पर हरिंद्र सिंह लक्खोवाल ने कहा कि पिछले दिनों पावरकॉम के साथ बैठक दौरान भारतीय किसान यूनियन (लक्खोवाल) की तरफ से मांग की गई थी कि धान की बुआई के लिए 10 जून से बिजली की सप्लाई रोजाना 10 घंटे दी जाए जिससे बुआई समय पर हो सके।

इस मौके पर नेताओं ने कहा कि धान की बुआई लेट करने के साथ धान की दवा का काम भी अक्तूबर के आखिरी सप्ताह तक चला जाएगा जबकि गेहूं की बुआई का उपयुक्त समय 1 से 15 नवम्बर तक होता है। ग्रीन ट्रिब्यूनल की हिदायतों के मुताबिक धान के नाड़ को धरती में मिला कर पानी लगा कर गला दिया जाए। इस काम के लिए कम से कम 20 से 25 दिन का समय लगेगा। इस तरह गेहूं की बुआई पिछड़ जाएगी। गेहूं का झाड़ कम निकलने के कारण पहले से कर्ज के बोझ तले आए किसान कर्ज के नीचे और दब जाएंगे, इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि धान की बुआई 10 जून से ही शुरू करवा कर ट्यूबवैलों के लिए निरंतर 10 घंटे बिजली की सप्लाई दी जाए। अगर बिजली की सप्लाई चालू नहीं की जाती तो भारतीय किसान यूनियन की तरफ से संघर्ष को और तेज किया जाएगा।

किसानों के पैंङ्क्षडग पड़े कनैक्शन जारी करे सरकार
धरने में पहुंचे पंजाब के अन्य नेताओं ने सरकार को मांग की कि सीजन दौरान फील्ड स्टाफ की उपस्थिति 24 घंटे जरूरी बनाई जाए, ट्रांसफार्मर जल जाने या फील्ड में नुक्स पड़ जाने पर 24 घंटों में नया ट्रांसफार्मर लगा कर अतिरिक्त सप्लाई देकर बिजली की कमी की संबंधित किसान को सप्लाई देकर पूॢत की जाए। पिछले समय पावरकॉम के साथ बैठक दौरान भी मांग की गई थी कि ढीली तारों, टेढ़े-मेढ़े खंभे सीधे किए जाएं, तार की लंबाई घटाई जाए जिससे ट्यूबवैलों को पूरी वोलटेज मिले परंतु अभी तक कोई सुधार नहीं किया गया। इसलिए स्पैशल टीमें लगा कर लाइनों की रिपेयर करवाई जाए जिससे बिजली की सप्लाई में विघ्न न पड़े और किसानों की मोटरों के लोड बढ़ाए जाएं।

खेती नीति आयोग का धरने में जोरदार विरोध
किसान नेता रामकरन सिंह रामा और पूर्ण सिंह शाहकोट ने धरने दौरान कहा कि खेती नीति आयोग की तरफ से की गई सिफारिश कि 10 एकड़ जमीन से ऊपर वाले किसानों या इंकम टैक्स भरने वाले किसानों की सबसिडी बंद की जाए का भारतीय किसान यूनियन की तरफ से विरोध किया जाता है क्योंकि आज के दौर में खेती घाटे वाला धंधा बन गया है। फसलों के भाव पूरे न मिलने के कारण किसानों पर कर्जे का बोझ बढ़ता जा रहा है अगर किसी किसान ने सहायक  धंधे अपना कर या अपने बच्चे विदेश भेज कर वहां से मदद लेकर या नौकरी करके या कोई बिजनैस करके अपनी आमदन में विस्तार किया है और टैक्स भी दिया है तो उसकी सबसिडी खत्म करना उस किसान के साथ बेइंसाफी होगी।
 

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