टी.बी. के उन मरीजों का इलाज सरकार मुफ्त करेगी जिन पर साधारण दवा असर नहीं करती : स्वास्थ्य मंत्री

punjabkesari.in Monday, Jul 16, 2018 - 03:59 PM (IST)

पटियाला(राजेश) : पंजाब सरकार की तरफ से प्रदेश के लोगों को बेहतर सेहत सुविधा मुहैया करवाने के उद्देश्य के साथ अब टी.बी. के उन मरीजों जिनका इलाज काफी लंबे समय से चल रहा था परंतु उन पर टी.बी. की साधारण दवाएं प्रभाव नहीं कर रही थीं और दूसरी दवाएं महंगी होने के कारण वे इलाज करवाने में असमर्थ थे का इलाज अब प्रदेश सरकार की तरफ से मुफ्त किया जाएगा और इसकी शुरूआत पटियाला के टी.बी. अस्पताल से 16 जुलाई से की जा रही है। ऐसे प्रत्येक मरीज को करीब साढ़े 9 लाख रुपए की दवा बिल्कुल मुफ्त दी जाएगी।

ये शब्द स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मङ्क्षहद्रा ने कहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों की तंदरुस्ती के लिए लगातार प्रयत्न कर रही है और पंजाब में टी.बी. के मरीजों के लिए सरकार की तरफ से महंगा इलाज भी मुफ्त करने का फैसला किया गया है। दवा के अलावा टी.बी. के सभी मरीजों को 500 रुपए महीना पौष्टिक आहार के लिए भी दिया जाता है।उन्होंने बताया कि पंजाब में 22 हजार टी.बी. के मरीज हैं जिनमें से 400 मरीजों इस तरह के हैं जिन पर टी.बी. की साधारण दवा का असर नहीं होता और उनमें से 77 मरीजों इस तरह के हैं जो बेडाक्युलाइन दवा का प्रयोग कर सकते हैं। इस दवा की एक गोली की कीमत 5 हजार रुपए है और मरीजों को कोर्स पूरा करने के लिए 188 गोलियां दी जानी हैं। भाव एक मरीजों का खर्च साढ़े 9 लाख के करीब बनता है परंतु पंजाब सरकार की तरफ से यह इलाज मुफ्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पंजाब देश के चुङ्क्षनदा राज्यों में से है जहां यह दवा शुरू की गई है। सबसे पहले यह दवा टी.बी. अस्पताल पटियाला में 16 जुलाई से शुरू की जा रही है।

पटियाला जोन में 8 जिले शामिल हैं जिसमें पटियाला, संगरूर, बरनाला, मानसा, फतेहगढ़ साहिब, रोपड़, मोहाली और लुधियाना हैं। उसके बाद सरकारी मैडीकल कालेज, अमृतसर और जी.जी.एस. मैडीकल कालेज फरीदकोट में भी जल्दी ही इस दवा के साथ इलाज शुरू किया जाएगा। सेहत मंत्री ने बताया कि पटियाला जोन में कुल 22 मरीज हैं जो इस दवा का सेवन कर सकते हैं और आज यह तीन मरीजों पर शुरू की जा रही है और आने वाले दिनों में दूसरे मरीजों पर भी इसका उपयोग शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन मरीजों का इलाज किया जाएगा उनको 15 दिन दाखिल भी रखा जाएगा। पंजाब सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में से 2022 तक टी.बी. की बीमारी का खात्मा कर दिया जाए।

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