106 वर्षीय फौजा सिंह के साथ दौड़े पंजाबी यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी

punjabkesari.in Saturday, Mar 17, 2018 - 08:12 AM (IST)

पटियाला(प्रतिभा): पंजाबी यूनिवर्सिटी के फिजीकल एजुकेशन विभाग के विद्यार्थियों को 106 वर्षीय फौजा सिंह और 101 वर्षीय मान कौर के साथ दौडऩे का मौका मिला। विभाग द्वारा रन फॉर हैल्थ विद फौजा सिंह एंड मान कौर थीम पर एक दौड़ का आयोजन किया गया। इस दौड़ को वी.सी. डा. बी.एस. घुम्मण ने हरी झंडी दिखाई। इसमें कैंपस के विद्यार्थी बड़ी गिनती में शामिल हुए। मौके पर विभाग के प्रमुख डा. निशान सिंह भी मौजूद रहे। इस दौरान रजिस्ट्रार डा. मनजीत सिंह निज्जर, डा. जी.एस. बत्रा, डा. अमरप्रीत सिंह, डा. अमरजीत सिंह, डा. जतिंदर देव समेत अन्य मौजूद रहे।

हर रोज 5-7 कि.मी. सैर करते हैं फौजा सिंह
सबसे बड़ी उम्र के एथलीट फौजा सिंह ने कहा कि यहां पंजाबी यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों के साथ दौडऩे में उन्हें बेहद खुशी हुई है। विदेश में अपने परिवार के पास रहते फौजा सिंह ने कहा कि हर साल पंजाब आकर वह एं’वॉय करते हैं। इससे उनकी आत्मा को खुराक और स्फूर्ति मिलती है। इतनी उम्र में अपनी फिटनैस को 
लेकर उन्होंने बताया कि चाहे उन्होंने मुकाबलों में भाग लेना बंद कर दिया है पर अभी भी वह 5-7 कि.मी. सैर करते हैं। साथ ही शरीर को फिट रखने के लिए व्यायाम भी करते हैं। उन्होंने कहा कि वह विदेश में अपने घर के आंगन में ही सैर करते रहते हैं। डाइट को लेकर फौजा बोले कि हर रोज वह दालें खाना पसंद करते हैं और बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं खाते हैं। उन्हें दौडऩे की प्रेरणा और शक्ति अपने भगवान से मिलती है।अपनी पग (टर्बन) को लेकर उन्होंने कहा कि इसकी वजह से पूरे विश्व में उन्हें बहुत सम्मान मिला है।

सख्त डाइट प्लान और ट्रेनिंग है मान कौर की सफलता का राज
100 साल से ’यादा की उम्र में भी फिट रहना और दौडऩा, फिर मैडल लाने का राज वह सख्त डाइट प्लान और ट्रेङ्क्षनग को मानती हैं। पड़पौते, पड़पोतियों वाली मान कौर कहती हैं कि फिजूल का खाना बंद करें और सेहत से भरपूर खाना खाएं। साथ ही हर रोज व्यायाम जरूर करें।आज के खिलाडिय़ों को लेकर उन्होंने कहा कि पूरी मेहनत और सही ट्रेङ्क्षनग के साथ ये कोई भी मुकाम हासिल कर सकते हैं। पंजाब में टैलेंट बहुत ’यादा है और इसे आगे बढ़ाने की जरूरत है। पिछले साल वेंकुवर में आयोजित हुई अमरीकन मास्टर्स गेम्स में एक मिनट और 14 सैकेंड में फिनिश लाइन पार करके गोल्ड जीतने वाली मान कौर खुद को युवा मानती हैं और उसी तरीके से अपनी ट्रेङ्क्षनग जारी रखती हैं।

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