इलैक्ट्रिक इंजन तैयार कर डी.एम.डब्ल्यू. की बन गई है अलग पहचान : गोहेन

punjabkesari.in Thursday, May 17, 2018 - 12:34 PM (IST)

पटियाला(प्रतिभा): सिर्फ कुछ ही समय में 2 नए इलैक्ट्रिक लोको (इंजन) तैयार करके डी.एम.डब्ल्यू. ने एक नई उपलब्धि हासिल की है। इससे यहां की पहचान बढ़ गई है तथा कर्मचारियों को और भी ज्यादा काम करने को मिलेगा। केंद्र सरकार के सोलर पावर प्लांट लगाने के प्रोजैक्ट में यहां भी 2 मैगावाट का सोलर प्लांट लगाया गया है। इससे बिजली की बचत होगी और करोड़ों रुपए का फायदा होगा।

 ये विचार रेल राज्य मंत्री राजेन गोहेन ने डी.एम.डब्ल्यू. में रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट के उद्घाटन करने दौरान व्यक्त किए। अपने दौरे पर पहुंचे मंत्री ने कई तकनीकी पक्षों पर बात की। इस दौरान उनके साथ मैंबर ट्रैक्शन घनश्याम सिंह व अंबाला डिवीजन के अधिकारी मौजूद थे। डी.एम.डब्ल्यू. के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रमेश कुमार ने गतिविधियों बारे बताया। सांसद गांधी ने राजपुरा-मोहाली रेल ङ्क्षलक की मांग बारे बातचीत कीसांसद डा. धर्मवीर गांधी ने राजपुरा-मोहाली रेल लिंक की मांग बारे बातचीत की। उन्होंने कई तरह के मुद्दे उठाए। मेयर संजीव बिट्टू ने भी इस रेल ङ्क्षलक की मांग की और डी.एम.डब्ल्यू. में रोजगार बढ़ाने को कहा। 

कर्मचारियों के साथ मीटिंग में मंत्री ने दिया भरोसा
कर्मचारियों ने डी.एम.डब्ल्यू. में जहां काम बढ़ाने की मांग की, वहीं कर्मचारियों की गिनती बढ़ाने की अपील भी की। उनका कहना है कि 60 इलैक्ट्रिक इंजन बनाए जाने हैं जबकि इनकी गिनती बढ़ाकर 110 की जाए। हालांकि इलैक्ट्रिक लोको बनाए जाने के फैसले के बाद कर्मचारियों ने पहले इसका विरोध जताया था, पर अब 2 इंजन बनाए जा चुके हैं।

 डी.एम.डब्ल्यू. इम्प्लाइज यूनियन ने इस दौरान मंत्री गोहेन को मांग-पत्र भी सौंपा। इसमें उन्होंने इन्सैंटिव, बोनस, कलपुर्जों व अन्य सामग्री की कमी को दूर करने, उत्पादन इकाइयों के 10 फीसदी पद सरैंडर करने के आदेश को वापस लेने, डी.एम.डब्ल्यू. के 115 पद रायबरेली शिफ्ट करने के आदेशों को वापस लेने आदि सहित कई अन्य मांगें लिखी हैं। इस दौरान मंत्री ने कहा कि उनके हाथ में सीधे तौर पर कुछ भी नहीं है, क्योंकि डी.एम.डब्ल्यू. रेलवे बोर्ड के अधीन आता है और इससे जुड़ा प्रत्येक अधिकार रेलवे बोर्ड के पास है। वह सिर्फ वहां जाकर अपनी सिफारिशें पेश कर सकते हैं। 

राजपुरा-मोहाली रेल ङ्क्षलक का रेट ऑफ रिटर्न कम है 
रेल राज्य मंत्री गोहेन ने कहा कि रेलवे किसी भी रेल ङ्क्षलक को बनाने में फायदा भी देखता है पर इसका रेट ऑफ रिटर्न (आर.ओ.आर.) कम है, जो उन्हें पता चला है। उन्होंने सांसद डा. धर्मवीर गांधी को मुख्य दफ्तर में बुलाया ताकि उनसे इस संबंधी सारी बातचीत हो सके और जो हल निकलता है, वह निकाला जा सके। उसके बाद ही इस ङ्क्षलक को लेकर काम होगा। बता दें कि उक्त ङ्क्षलक को लेकर एक सर्वे हो चुका है जिसमें आर.ओ.आर. माइनस 5 फीसदी निकाला गया है।

ऐसे में रेलवे को लगता है कि इस ङ्क्षलक से फायदा नहीं होगा। जबकि इसे लेकर रेलवे विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इसका आर.ओ.आर. राजपुरा-मोहाली तक नहीं बल्कि राजपुरा, चंडीगढ़, राजस्थान, पटियाला, बङ्क्षठडा का होना चाहिए। जोकि पहले हुआ भी है और वह आर.ओ.आर. प्लस 16 फीसदी निकला है, 5 फीसदी को अगर जोड़ दिया जाए तो यह 21 फीसदी होता है जोकि बहुत ज्यादा है। ऐसे में रेलवे को इस रेल रूट से बहुत ज्यादा फायदा होगा। 

राज्य सरकार मांग कर रही है और खुद का बनता हिस्सा भी नहीं दे रही
गौरतलब है कि राजपुरा-मोहाली रेल ङ्क्षलक प्रोजैक्ट 400 करोड़ रुपए का है और इसमें 200 करोड़ रुपए रेलवे ने देने हैं जबकि 180 करोड़ रुपए के करीब हिस्सा राज्य सरकार का है। इसमें 80 करोड़ रुपए की जमीन है जोकि बनूड़ के नजदीक सनेटा गांव के पास है। यह जमीन रेलवे को देने के लिए किसान तैयार हैं और रेलवे अथॉरिटी भी काम शुरू करने को लेकर कई बार राज्य सरकार को लैटर भेज चुकी है कि वह अपना हिस्सा दे, पर अभी तक राज्य सरकार अपना हिस्सा नहीं दे पाई। 

कलपुर्जों की कमी और कर्मचारियों की गिनती बढ़ाने को लेकर मंत्री ने कहा कि कलपुर्जों की कमी नहीं होने दी जाएगी। इसके अलावा अगर वर्क लोड ज्यादा होता है तो कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती भी किया जा सकता है। वहीं राजपुरा-पटियाला-धुरी इलैक्ट्रिफिकेशन के काम को लेकर उन्होंने कहा कि मार्च 2019 में यह काम पूरा हो जाएगा, जबकि डबल लाइन का प्रोजैक्ट चल रहा है और जल्द ही इस पर भी काम शुरू कर दिया जाएगा। इस मौके पर भाजपा सैक्रेटरी जगदीप सिंह सोढी, भाजपा जिला प्रधान एस.के. देब, अनिल अग्रवाल, गुरतेज सिंह ढिल्लों, विजय कुमार कूका, कौंसलर अनिता शर्मा पंजोला, एफ. एंड सी.सी. मैंबर हरविंदर सिंह निप्पी सहित अन्य मौजूद थे। 

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