शादी के बंधन में बंधे पाक की किरण और भारत का परविंद्र

punjabkesari.in Saturday, Mar 09, 2019 - 07:44 PM (IST)

पटियाला(बलजिन्द्र): भारत और पाकिस्तान के बीच भले ही तनाव का माहौल हो पर पटियाला में बॉर्डर के पार का प्यार परवान चढ़ गया। सरहदों की दूरियां मिटा कर अंबाला के गांव तेपला के रहने वाले परमिंदर सिंह व पाकिस्तान पंजाब के सियालकोट जिले के गांव डक्षा की रहने वाली किरण चीमा एक-दूसरे के हो गए। पिछले कई दिनों से चर्चा का विषय बनी हुई यह शादी गुरुद्वारा खेल साहिब में परवान चढ़ी। गुरुद्वारा दुखनिवारण साहिब के हैड ग्रंथी ज्ञानी प्रणाम सिंह ने सिख रीति-रिवाजों के साथ दोनों की श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हाजिरी में शादी करवाई। 

इस मौके पर शिरोमणि कमेटी के एग्जीक्यूटिव मैंबर जरनैल सिंह करतारपुर विशेष तौर पर पहुंचे हुए थे। किरण चीमा ने गोल्डन रंग का लहंगा डाला हुआ था और परमिन्द्र सिंह ने कोट पैंट डाला हुआ था। किरण चीमा व परमिंदर सिंह का परिवार आपस में रिश्तेदार है और बंटवारे के वक्त किरण चीमा का परिवार पाकिस्तान में रह गया था। इसके बाद जब भी उन्हें समय लगता तो वे भारत में अपने रिश्तेदारों के पास आते-जाते रहते थे।

अढ़ाई साल पहले भी वह भारत आए थे। विवाह दोनों परिवारों की सहमति से हुआ और किरण चीमा अपने पिता सुरजीत चीमा, माता सुमेरा चीमा, भाई अमरजीत व बहन रमनजीत चीमा सियालकोट के गांव डक्षा से दिल्ली से शुक्रवार को समाना में अपने रिश्तेदार लखविन्द्र सिंह संधू गांव तलवंडी मलिक वाले के यहां पहुंचे थे। लखविन्द्र सिंह संधू ने बताया कि परिवार पहले दिल्ली पहुंचा और पटियला आने के बाद एस.एस.पी. के सामाने उपस्थित हुए और फिर समाना में चले गए। आज सुबह परिवार गुरुद्वारा खेल साहिब में पहुंच गए थे और पूरे धार्मिक रीति-रिवाजों से दोनों की शादी हुई। 

दोनों तरफ के लोग एक-दूसरे से आज भी जुडऩा चाहते हैं : सुरजीत सिंह
किरण चीमा के पिता सुरजीत सिंह ने कहा कि बंटवारे से पहले एक पंजाब था और बंटवारे के समय दोनों में बॉर्डर बन गया, पर यह बॉर्डर लोगों के दिलों को नहीं बांट सका। सरकारों का आपस में पता नहीं पर, लोग आपस में मिलना चाहते हैं। दोनों तरफ के लोगों में अब भी रिश्तेदारियां हैं। लोगों से जितना हो रहा है वो निभा रहे हैं। हम तो चाहते हैं कि दोनों के देशों में आपसी दूरियां मिटें और लोग दोनों तरफ  फिर से आपस में मिल सकें।

पेशे से टीचर है किरण
किरण चीमा पेशे से टीचर है और उसके पिता सुरजीत सिंह खेतीबाड़ी का काम करते हैं। दोनों आपस में दूर के रिश्तेदार हैं और इससे पहले भी मिलते हैं। दोनों के परिवारों ने आपस में मिलकर यह फैसला लिया और यह शादी हो गई। 

शादी के बाद खुश दिखाई दिए परमिंदर व किरण
शादी के बाद परमिंदर व किरण काफी अधिक खुश दिखाई दिए। दोनों ने वाहेगुरु जी का शुकराना किया और अपने उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर किरण ने कहा कि उसकी शादी भारत में हुई वह इससे काफी अधिक खुश हैं। उन्होंने कहा कि यह शादी दोनों परिवारों ने मिल कर तय की है।

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