प्रदूषण हवा से अस्तपालों में बढ़ी हार्ट और चैस्ट रोगों के मरीजों की संख्या

punjabkesari.in Tuesday, Nov 05, 2019 - 10:35 AM (IST)

पटियाला(रत्ता): पंजाब ही नहीं, इस समय पूरा उत्तरी भारत वायु प्रदूषण की चपेट में है। दिल्ली में बीते 24 घंटों के दौरान एयर क्वालिटी इंडैक्स 407 दर्ज किया गया जबकि पंजाब में यह सूचकांक 224 से 337 के बीच दर्ज किया गया। पंजाब में सोमवार को जालंधर सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा। उसके बाद अमृतसर और पटियाला प्रदूषित शहरों में आगे रहे। पंजाब में प्रदूषण का बढ़ता स्तर और प्रदूषण के कारण सेहत पर पड़ रहे असर को देखते हुए पंजाब केसरी सरोकार कॉलम शुरू किया गया। कॉलम के माध्यम से हम रोजाना आपके समक्ष शहर के चिकित्सा विशेषज्ञों, बुद्धिजीवियों, पर्यावरणविदों और शिक्षाविदों की राय रखेंगे ताकि वायु प्रदूषण को राज्य के हर शहर में कम किया जा सके और हर नागरिक शुद्ध हवा में सांस ले सके।

सुबह और शाम की सैर न करने की सलाह

पंजाब केसरी की तरफ से शहर के जाने-माने चैस्ट और हार्ट स्पैशलिस्ट्स से बात की गई तो उन्होंने राय दी कि वायु प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों में हार्ट और छाती रोगों के मरीजों की संख्या 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है। डाक्टरों ने बच्चों और बुजुर्गों को सलाह दी है कि वे सुबह और शाम को सैर न करें क्योंकि सुबह और शाम के समय प्रदूषण का स्तर ज्यादा होता है।

सारा साल रहती है वायु प्रदूषण की समस्या

वायु प्रदूषण की समस्या हमारे राज्य में साल भर रहती है। प्रदूषण हमारे आसपास के वातावरण में वाहन, इंडस्ट्री और बायोमास (गन्ने की खोई, धान का भूसा, अनुपयोगी लकड़ी आदि) को जलाने कारण बढ़ता है तथा हर वक्त मौजूद रहता है जबकि इसका अहसास हमें अक्तूबर से नवम्बर के बीच ही होता है जब धान की कटाई के बाद किसान पराली जलाने लगाते हैं। धुंध और धुआं हमें साफ दिखने लगता है। हमें सांस लेने में दिक्कत आने लगती है। पहले से श्वास रोगों से ग्रस्त लोगों की स्थिति बहुत ही बेहाल हो जाती है। राज्य के सभी जिलों में श्वास के रोगियों की संख्या बढनी शुरू हो जाती है।  

 क्या कहना है डाक्टरों का 

  • सरकारी माता कौशल्या अस्पताल में सेवाएं दे रहे डा. विकास गोयल ने बताया कि इन दिनों वायु प्रदूषण के कारण रोगियों की संख्या में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 
  • शहर के जाने माने दिल के रोगों के माहिर डा. सुधीर वर्मा ने बताया कि जिन रोगियों को अस्थमा की बीमारी दवाइयों से कंट्रोल में थी, उनको अब फिर से अस्थमा के अटैक शुरू हो गए हैं।
  • डा. जय किशन ने बताया कि इन दिनों उनके पास चैस्ट इंफैक्शन, निमोनिया, श्वास की तकलीफ वाले रोगी बड़ी संख्या में आ रहे हैं।
  • सरकारी कम्युनिटी हैल्थ सैंटर त्रिपड़ी में तैनात डा. परमिंदर पाल सिंह ने बताया कि जिन रोगियों को हार्ट की पुरानी बीमारी है, उन्हें इन दिनों भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
  • डा. असलम ने बताया कि उनके पास गले में खराश, आंखों से पानी बहने की परेशानी के कारण आने वाले कई रोगियों को हृदय  की बीमारियों के लक्षण भी नजर आ रहे हैं।

 इन बातों का रखें ध्यान

  • वायु प्रदूषण के कारण बढ़ रही रोगियों की संख्या को देखते हुए विशेषज्ञ डाक्टरों का कहना है कि
  •  बिना काम के घर से बाहर न निकलें।
  •  मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें।
  •  रोगी अपनी दवाई नियमित रूप से लें।
  •  सुबह-शाम की सैर कुछ दिन न करें।
  •  गले व नाक से खराश व आंखों से पानी निकलने पर तुरन्त डाक्टर से सम्पर्क करें।
  •  बाहर का खाना खाने से परहेज करें।

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swetha

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