मांगों को लेकर किसानों ने घेरा मिनी सचिवालय

punjabkesari.in Wednesday, Nov 14, 2018 - 12:03 PM (IST)

पटियाला (बलजिन्द्र): ऑल इंडिया किसान फैडरेशन जिला पटियाला और बर्बादी रोकू संघर्ष कमेटी सील कैमिकल फैक्टरी राजपुरा की तरफ से डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के सामने अपनी मांगों के लिए धरना दिया गया और केंद्र व पंजाब सरकार विरुद्ध जबरदस्त नारेबाजी की गई। 

धरने को संबोधित करते हुए प्रधान कामरेड प्रेम सिंह भुंग ने कहा कि केंद्र और पंजाब सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण किसानों को बड़े स्तर पर नुक्सान का सामना करना पड़ रहा है, जिस कारण कृषि क्षेत्र तबाही के किनारे पहुंच गया है और किसानों-मजदूरों को भारी कर्जों की मार से परेशान होकर आत्महत्याएं करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। मोदी सरकार का किसानों की आमदन साल 2022 तक दोगुनी करने का वायदा एक जुमला है। इसी तरह पंजाब की कांग्रेस सरकार किसानों के साथ चुनावों के समय किए वायदों से भाग गई है और मुकम्मल माफी से साफ मुकर गई है। नेताओं ने कहा कि केंद्र और पंजाब सरकार लोगों का ध्यान असली मुद्दों से हटाने के लिए धार्मिक मुद्दों को उछाल रही हैं जो सामाजिक एकता और भाईचारक सांझ के लिए बहुत खतरनाक है।

 किसान नेताओं ने मांग की कि सील कैमिकल राजपुरा की तरफ से साल 1994 में अधिग्रहण की जमीन में से अब तक उपयोग नहीं की गई 533 एकड़ जमीन असली मालिकों को वापस की जाए। किसानों और खेत मजदूरों के सिर चढ़े पूरे कर्जे माफ किए जाए, डा. एम.एस. स्वामीनाथन की सिफारिशों को मुकम्मल लागू किया जाए तथा किसानों और मजदूरों को 60 साल की उम्र के बाद 10 हजार रुपए महीना पैंशन दी जाए। खेती के लिए अलग बजट पेश किया जाए, सारी खेतीयोग्य जमीन को नहरी पानी की व्यवस्था की जाए तथा धान की पराली का सरकार स्थायी हल करे। बेसहारा पशुओं की समस्या को हल किया जाए तथा खेती ट्यूबवैलों के लिए 15 घंटे बिजली सप्लाई की जाए। धान की फसल लगवाई 20 जून की बजाय 10 जून की जाए और नमी की मात्रा 17 प्रतिशत से बढ़ा कर 22 प्रतिशत की जाए, बे-मौसमी बारिश के साथ हुए धान के नुक्सान के लिए 20 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए और लम्बे समय से संघर्ष कर रहे अध्यापकों की मांगों को तुरंत माना जाए। 
 

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