PU अथॉरिटी ने संबंधित कॉलेजों को जारी किए निर्देश,पैंडिंग फीस भरवाए कॉलेज

punjabkesari.in Wednesday, May 16, 2018 - 12:58 PM (IST)

पटियाला (प्रतिभा): आर्थिक तंगी की चपेट में चल रही पंजाबी यूनिवर्सिटी अथॉरिटी ने अब कॉलेजों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जो कॉलेज अलग-अलग तरह की फीस अब तक नहीं भरवा रहे थे, उन्हें अथॉरिटी द्वारा विशेष चेतावनी दी गई है। कॉलेजों को कहा गया है कि पैंडिंग फीस और जुर्माने नहीं भरवाएंगे तो नई एडमिशन नहीं होगी। हालांकि चेतावनी के बाद संबंधित पैंडिंग फीस और जुर्माने वसूले गए हैं जिससे यूनिवर्सिटी को भी लाखों रुपए की कमाई हुई है और अब आगे भी इसी तरह की कार्रवाई यूनिवर्सिटी  अथॉरिटी द्वारा जारी रहेगी। 

गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी से संबंधित सरकारी और प्राइवेट कॉलेज जहां नियमों का उल्लंघन होने और फीस समय पर जमा न करवाने जैसी कई अनियमितताएं सामने आ रही थीं, डीन कॉलेज वैल्फेयर अथॉरिटी द्वारा पूरी जांच-पड़ताल के बाद बड़ी गिनती में कॉलेज सामने आए हैं, जिन्होंने संबंधित फीस और जुर्माना 2-3 साल से भरा ही नहीं था। इसे देखते हुए सभी कॉलेज अथॉरिटीज को चेतावनी दे दी गई कि वे बनती फीस और जुर्माने चुकाएं वरना नई एडमिशन रोक दी जाएगी। इसके बाद कॉलेजों ने पैंडिंग फीस और जुर्माने भरने शुरू कर दिए।

यूनिवर्सिटी को 50 लाख रुपए रैवेन्यू मिला
अलग-अलग कॉलेजों से फीस और जुर्माने इकट्ठे करने के बाद यूनिवर्सिटी  को 50 लाख रुपए रैवेन्यू मिला। इसमें सबसे ज्यादा फीस और जुर्माना सरकारी महिंद्रा कॉलेज से मिला है जोकि 9 लाख रुपए बना। कॉलेज द्वारा यह फीस और जुर्माना करीब डेढ़-2 साल से पैंङ्क्षडग चल रहा था। पिछले  प्रिंसीपल एस.एस. थिंद के समय में ही कंटीन्यूशन फीस, फॉर्म जमा करवाना और इन पर लगे जुर्माने समेत इतनी रकम बनती है जोकि कॉलेज ने भर दी है। 

नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भी लगे जुर्माने
डी.ए.वी. कॉलेज बठिंडा और रोपड़ सरकारी कॉलेज में 2-2 स्टूडैंट्स की एडमिशन गलत हुई थी। यानी नियमों का उल्लंघन करके एडमिशन दी गई। इस वजह से इन कॉलेजों पर भी जुर्माना लगाया गया। कई कालेजों ने स्टूडैंट्स फीस रिटर्न, एग्जामिनेशन फॉर्म, एग्जामिनेशन फीस आदि भी जमा नहीं करवाई थी। इस पर भी पैनल्टी लगाई गई। किसी कॉलेज को 1 लाख तो किसी को 2 लाख रुपए जुर्माना हुआ है। 

वाइस चांसलर की हिदायतों पर हो रहे हैं काम : डीन कॉलेजिज
डीन कॉलेजिज डा. कुलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा कि कॉलेज वाले मनमर्जी कर रहे थे, इस वजह से वाइस चांसलर की हिदायतों पर ही सख्ताई की गई है। उनके निर्देशों के मुताबिक नियमों का उल्लंघन करने वाले कॉलेजों को माफ नहीं करना है। इसलिए 3-3 साल से फीस और पैनल्टी पैंङ्क्षडग चल रही थी, जिसे कॉलेज अथॉरिटीज से वसूला गया है। इससे यूनिवॢसटी को भी अच्छा रैवेन्यू आ गया है।

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