फिर हो सकता है पी.यू. की बसों का चक्का जाम

punjabkesari.in Sunday, Dec 09, 2018 - 09:25 AM (IST)

पटियाला(प्रतिभा): पंजाबी यूनिवर्सिटी की बसों का चक्का एक बार फिर से जाम हो सकता है। अथॉरिटी द्वारा अभी तक ड्राइवरों को अतिरिक्त ड्यूटी से हटाया नहीं गया। सिर्फ बस चलाने के अलावा इन ड्राइवरों से क्लर्क का काम और अन्य विभागों में कई काम लिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं सुबह 6 बजे से लेकर रात के 11.30 बजे तक ड्यूटी दे रहे हैं। इसकी वजह से ये परेशान चल रहे हैं और पिछले दिनों भी यूनिवर्सिटी के ट्रांसपोर्ट विभाग के मुलाजिमों द्वारा हड़ताल की गई थी और भरोसा मिलने के बाद यह हड़ताल खत्म हुई, पर अभी तक मांगें नहीं मानी गईं और इस वजह से ड्राइवर फिर से हड़ताल पर जा सकते हैं।

गौरतलब है कि पिछले महीने यूनिवर्सिटी के ट्रांसपोर्ट मेन पूल के पदाधिकारियों और ड्राइवरों द्वारा यूनिवर्सिटी की बसों का चक्का जाम किया गया था। वजह यह थी कि यूनिवर्सिटी इन ड्राइवरों से 8 घंटे की बजाय 12 घंटे और इससे भी ज्यादा घंटे काम ले रही है। इसी तरह से अन्य कई मांगें भी शामिल थीं। इनमें ड्राइवरों को गजटेड छुट्टियां न मिलना और छुट्टी वाले दिन भी काम करवाना शामिल है। छुट्टी वाले दिन काम करवाने के बावजूद कोई अलाऊंस न मिलने से भी ड्राइवर परेशान हैं, वहीं लाइब्रेरी से रात 11 बजे गर्ल्स स्टूडैंट्स को उनके होस्टल पहुंचाने की ड्यूटी। इन सभी मांगों के हल के लिए ड्राइवरों ने अपील की थी जोकि मानी नहीं गई।

ड्राइवर से करवा रहे परीक्षा शाखा में काम
यूनिवर्सिटी अथॉरिटी के हाल इतने खराब हैं कि वह एक बस ड्राइवर से परीक्षा शाखा में भी काम ले रही है। एक बस ड्राइवर परीक्षा शाखा के अहम डॉक्यूमैंट्स को कैसे संभाल सकता है, इस पर भी सवाल उठते रहे हैं। ट्रांसपोर्ट मेन पूल में से पिछले साल परीक्षा शाखा में ड्राइवरों की बदली की गई। इन ड्राइवरों को भी वापस उनकी ड्यूटी पर लाने की मांग हुई थी। हालांकि इस मांग को लेकर परीक्षा शाखा से 6 ड्राइवर वापस भेजे जा रहे हैं जबकि अब मेन पूल की मांग है कि आधे ड्राइवर नहीं बल्कि पूरे ड्राइवर वापस भेजे जाएं। उन्होंने आधे ड्राइवर भेजे जाने के फैसले का विरोध किया है।  

अब फिर से हड़ताल पर जाएंगे : कंग
वहीं ट्रांसपोर्ट मेन पूल के पदाधिकारी मनजिंद्र सिंह कंग ने कहा कि अथॉरिटी ने ट्रांसपोर्ट महकमे की मांगों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है। इसलिए ड्राइवर फिर से हड़ताल पर जाएंगे। अथॉरिटी कोई भी बात मान नहीं रही है और परीक्षा शाखा से भी आधे ड्राइवर वापस भेजने की खबर है, इसलिए मजबूरन फिर से संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा। 

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