सरकार की रैगुलाइजेशन पॉलिसी नहीं लाई रंग

punjabkesari.in Sunday, Jan 20, 2019 - 09:13 AM (IST)

पटियाला(बलजिन्द्र):पंजाब की तरफ से काफी ज्यादा मशक्कत के बाद लाई गई अवैध कालोनियों और प्लाटों को रैगुलर करने की पॉलिसी एक बार फिर से फेल होती नजर आ रही है। कारण है कि यह पॉसिली लागू होने से 2 माह बाद भी पटियाला जोन के अधीन आते 4 जिलों में से सिर्फ 3 एप्लीकेशन्स कालोनियों को रैगुलाइजेशन के लिए आई हैं।

जबकि पटियाला डिवैल्पमैंट अथॉरिटी के अधीन पड़ते पटियाला जोन में पटियाला, संगरूर, बरनाला और फतेहगढ़ जिलों में पी.डी.ए. के सर्वे अनुसार 750 अवैध कालोनियां हैं। सरकार की तरफ से निर्धारित किए गए समय अनुसार 19 फरवरी कालोनियों को रैगुलर करने की आखिरी तारीख है। यदि इस दौरान पिछले 2 महीनों में सिर्फ तीन अर्जियां कालोनियों को रैगुलर करवाने के लिए आई हैं तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह पॉलिसी सरकार की पूरी तरह फैल होती नजर आ रही है हालांकि सरकार ने जब यह पॉलिसी लागू की थी तो दावा किया था कि इससे बेहतर पॉलिसी कोई नहीं हो सकती। हालांकि यह पहली बार नहीं कि पंजाब सरकार की अवैध कालोनियों को रैगुलर करने की पॉलिसी इस तरह औंधेमुंह गिरी हो। इससे पहले अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार समय 2013 और 2015 में भी इस पॉलिसी को पंजाब के कालोनाइजरों की तरफ से किसी तरह का कोई रिस्पांस नहीं दिया गया था। 

15 हजार प्लाटों में से सिर्फ 2 हजार प्लाट होल्डर आए आगे
पटियाला जोन में पी.डी.ए. के सर्वे अनुसार 15 हजार अवैध प्लाट होल्डर हैं, जिनमें से सिर्फ लगभग 2 हजार प्लाट होल्डर ही ऐसे आगे आए, जिन्होंने पटियाला डिवैल्पमैंट अथॉरिटी को अपने प्लाट रैगुलर करने के लिए अर्जियां दीं। लिहाजा न केवल कालोनाइजर बल्कि प्लाट होल्डर भी पंजाब सरकार की रैगुलर पॉलिसी के साथ सहमत होते नजर नहीं आ रहे। हालांकि पी.डी.ए. की तरफ से स्पष्ट किया जा रहा है कि यदि 19 फरवरी तक अवैध कालोनियां और प्लाट रैगुलर न करवाए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी परन्तु पिछले एक्शनों को देखते हुए कालोनाइजर और प्लाट होल्डरों की तरफ से पी.डी.ए. की चेतावनी को गंभीरता के साथ नहीं लिया जा रहा। 

पटियाला शहर के कालोनाइजरों की तरफ से भी नहीं दिखाई गई कोई दिलचस्पी
पटियाला नगर निगम अधीन नगर निगम के सर्वे अनुसार 85 अवैध कालोनियां हैं, जिनमें से सिर्फ 4 कालोनाइजरों ने अपनी, कालोनियों को रैगुलर करवाने के लिए अर्जियां दी हैं। इसी तरह सिर्फ 110 प्लाट होल्डरों की तरफ से ही नगर निगम को सरकार की पॉलिसी के अंतर्गत प्लाट रैगुलर करने के लिए अर्जियां दी गई हैं। सबसे अहम बात यह है कि जहां कालोनाइजर और प्लाट होल्डरों की तरफ से कोई रुचि नहीं दिखाई गई, वहां नगर निगम पटियाला की तरफ से भी अभी तक एक भी एन.ओ.सी. जारी नहीं की गई। 

क्या कारण है रुचि न दिखाने का
अलग-अलग कालोनाइजरों के साथ बातचीत करने के बाद स्थिति स्पष्ट हुई कि पंजाब सरकार की तरफ से हर 2 साल बाद नई रैगुलाइजेशन पॉलिसी लागू कर दी जाती है। कालोनाइजरों और प्लाट होलडरों को विश्वास ही नहीं बन रहा कि लागू की गई पॉलिसी के बाद कोई नई पॉलिसी नहीं आएगी। कालोनाइजरों का कहना है कि इस बार भी सरकार ने दोहरी रैगुलाइजेशन को पहल दी है जबकि सरकार को चाहिए था कि या प्लाट होल्डर अपना प्लाट रैगुलर करवाएं या फिर कालोनाइजर। ऐसे में सरकार की पॉलिसी को पहले ही तय थी कि कोई बहुत बड़ा स्वीकृति मिलने वाला नहीं है। 

क्या कहते हैं पी.डी.ए. के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर
पी.डी.ए. के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर हरप्रीत सूदन का कहना है कि जो कालोनाइजरों और प्लाट होल्डरों की तरफ से कालोनियां और प्लाट रैगुलर नहीं करवाए जाएंगे, उनको 19 फरवरी के बाद नोटिस जारी किए जाएंगे और उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पी.डी.ए. की तरफ से अपने फील्ड स्टाफ को पहले ही हिदायतें जारी कर दी गई हैं कि मार्च 2018 के बाद बनाई गई कोई भी अवैध कालोनी न रहने दी जाए। अब तक के सर्वे में राजपुरा में एक कालोनी अवैध तौर पर काटी हुई पाई गई है, जिसके खिलाफ एक्शन के लिए लिख दिया गया है और पुलिस को भी प्रोटैक्शन के लिए पी.डी.ए. की तरफ से लिखा गया है। उन्होंने बताया कि इस कालोनी को पी.डी.ए. की तरफ से गिरा दिया जाएगा।

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