वी.सी. दफ्तर के सामने धरने पर बैठे 13 विद्यार्थियों के खिलाफ केस दर्ज

punjabkesari.in Saturday, Sep 22, 2018 - 11:07 AM (IST)

पटियाला(जोसन/ बलजिन्द्र):पंजाबी यूनिवर्सिटी में लड़कियों के होस्टल 24 घंटे खोलने को लेकर घमासान और शिखर पर पहुंच गया है। 18 सितम्बर को रात को रोष मार्च के समय डी.एस.ओ. और सैपके 2 विद्यार्थी ग्रुपों में हुई लड़ाई के आधार पर पुलिस ने वाइस चांसलर दफ्तर के सामने बैठे प्रदर्शनकारियों के प्रधान अमरजीत सिंह और गुरसेवक सिंह समेत 13 विद्यार्थियों पर मारपीट और जान से मारने के प्रयास का केस दर्ज कर दिया है। इसके साथ यह संघर्ष और भड़कने के आसार बन गए हैं। 

उधर डी.एस.ओ. ने अपनी मांगों को लेकर छुट्टी वाले दिन भी धरना जारी रखा। इधर, वाइस चांसलर ने प्रैस कान्फ्रैंस करके 24 घंटे होस्टल खोलने की मांग से कोरा जवाब दे दिया है। अर्बन एस्टेट पुलिस की तरफ से रविन्द्रप्रीत सिंह की शिकायत पर कार्रवाई की गई है और सैपधड़े के 2 विद्यार्थी बलजिन्द्रवीर और जैसमीन जोकि इस लड़ाई में घायल हो गए थे के बयानों को आधार बनाया गया है। पुलिस ने पी.यू. के विद्यार्थी अमीतोज यू.के., विक्रम सिंह, अमरजीत सिंह प्रधान, गगनदीप सिंह, किरण, अमनदीप सिंह, जगतार सिंह, गुविन्द्र सिंह, बलकार सिंह, जगदीप सिंह, गुरसेवक सिंह समेत 13 विद्यार्थियों पर केस दर्ज किया है। 

 जैसे ही यह खबर धरनाकारियों के पास पहुंची तो उन्होंने जमकर यूनिवर्सिटी प्रशासन और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। डी.एस.ओ. के नेता अमरजीत सिंह ने कहा कि हम ऐसी धक्केशाहियों से नहीं डरते। उन्होंने कहा कि हैरानी है कि  सैप के जिन विद्याॢथयों ने हमारे रोष मार्च में विघ्न डाला और हमारे ग्रुप के विद्याॢथयों पर हमला किया, उनकी शिकायत पर ही हमारे खिलाफ कार्रवाई कर दी गई है। यह सिर्फ हमारी ओर से किए गए संघर्ष को दबाने की कोशिश है परंतु हम इस जैसी गीदड़ भभकियों से नहीं डरते। 

विद्यार्थी हितों के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे : अमरजीत सिंह

अमरजीत सिंह ने कहा कि एक तरफ पुलिस पर्चा दर्ज कर रही है दूसरी तरफ वी.सी. प्रैस कान्फ्रैंस करके यह कह रहे हैं कि हम होस्टल वाली मांग बिल्कुल नहीं मानेंगे और न ही कोई बात करेंगे, यह सब एक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हम विद्यार्थी हितों के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे और जब तक हमारी होस्टल खोलने की बात किसी किनारे नहीं लगती तब तक संघर्ष जारी रहेगा तथा और तीखा होगा। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में आज अन्य संगठनों और यूनिवर्सिटी के चार अन्य प्रोफैसर भी जुड़ चुके हैं जिन्होंने विद्यार्थी मांगों की हिमायत की है।

सिक्योरिटी अफसर को बर्खास्त किया जाए : डी.एस.ओ.

डी.एस.ओ. के नेताओं ने कहा कि एक तरफ वाइस चांसलर देर रात उनके साथ मीटिंग करते रहे और दूसरी तरफ हम पर ही पर्चा दर्ज कर दिया गया है। हमने मीटिंग में स्पष्ट तौर पर मांग उठाई है कि सिक्योरिटी अफसर को बर्खास्त किया जाए और लड़कियों के लिए नियुक्त की अतिरिक्त डीन और अतिरिक्त प्रवोस्ट को भी उनके पद से फारिग किया जाए, इसके साथ ही हमला करने वाले विद्यार्थियों पर लड़कियों से छेड़छाड़, झगड़े और गुंडागर्दी के आरोपों के अंतर्गत कार्रवाई की जाए नहीं तो संघर्ष और तीखा होगा। इस मौके पर गुंडागर्दी विरोधी मोर्चा में पी.एस.यू., पी.एस.यू. (ललकार), एस.एफ.आई., ए.आई.एस.एफ., डी.एस.ओ., पी.आर.एस.यू. विद्यार्थी संगठनों के अलावा सेवक यूनियन, आऊटसोर्सिंग यूनियन, लोक संघर्ष कमेटी पटियाला, इंकलाबी लोक मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) और अन्य संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।

वाइस चांसलर ने की कानून भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की घोषणा
पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में चल रहे विद्यार्थी आंदोलन के चलते वाइस चांसलर डा. बी.एस. घुम्मन ने आज अपने सीनियर अधिकारियों के साथ यूनिवॢसटी का पक्ष रखते हुए घोषणा की कि न तो लड़कियों के 24 घंटे होस्टल किसी भी सूरत में खोले जा सकते हैं और न ही कानून को भंग करने की इजाजत दी जाएगी। 

वाइस चांसलर डा. बी.एस. घुम्मन ने कहा कि हमने धरने पर बैठे डी.एस.ओ. के विद्यार्थी नेताओं के साथ लगातार लंबी मीटिंगें की हैं और उनको बच्चों की तरह समझाया भी है कि वे गलत मांग की जिद न करें क्योंकि लड़कियों के होस्टल 24 घंटे खुले रखने किसी भी तरह संभव नहीं हैं। इसके साथ प्रशासनिक पहलू, सामाजिक पहलू, सुरक्षा पहलू, कानूनी पहलू, मां-बाप के पक्ष जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि बाकायदा होस्टल देने से पहले लड़कियों के मां-बाप का पक्ष भी लिया जाता है और टाइमिंग वाले फार्म पर लड़कियों के मां-बाप के हस्ताक्षर भी होते हैं जिससे यूनिवर्सिटी के सुरक्षा प्रबंधों की मां-बाप को भी पूरी जानकारी हो। 

वाइस चांसलर ने कहा कि वह विद्यार्थियों की सभी मांगें मानने को तैयार हैं और ज्यादातर का हल मौके पर कर दिया गया है परंतु गैर वाजिब मांग कभी भी नहीं मानी जा सकती। यूनिवर्सिटी के चीफ सिक्योरिटी अफसर कैप्टन गुरतेज सिंह और अन्य अधिकारियों ने विद्यार्थी गु्रपों में लड़ाई रोकने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल कर मौके को शांत किया था और लड़कियों को सुरक्षित रूप में वी.सी. दफ्तर पहुंचाया था। यूनिवर्सिटी के कैमरों में कौन सही और कौन गलत है हर चीज पूरी तरह कैद है। इसको बाकायदा पूरी तरह सील बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि एक दर्जन विद्यार्थी संगठन लड़कियों के होस्टल को 24 घंटे खोलने के विरुद्ध हैं। हमने उनका पक्ष भी सुना है। बीती रात भी हमने 3 घंटे इस संबंधी इन विद्यार्थी नेताओं के साथ मीटिंग की है और इनको समझाने का यत्न किया है परंतु हम किसी तरह भी यूनिवर्सिटी और लड़कियों की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकते।

वी.सी. ने 3 अधिकारियों की कमेटी बनाई वाइस चांसलर 
डा. बी.एस. घुम्मन ने 18 सितम्बर को हुए झगड़े को लेकर एक सेवामुक्त आई.पी.एस., आई.ए.एस और एक शिक्षा विशेषज्ञ को लेकर एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाने की घोषणा की है। यह कमेटी 3 महीनों में 18 सितम्बर को हुए लड़ाई झगड़े की पूरी रिपोर्ट देगी और दूध का दूध और पानी का पानी कर देगी और कौन गलत और कौन सही है इसका खुलासा करेगी। उन्होंने कहा कि एक दर्जन विद्यार्थी संगठनों ने यह मांग पत्र यूनिवॢसटी के अधिकारियों को दिया है कि डी.एस.ओ. का धरना उठवाया जाए और अकादमिक माहौल बहाल किया जाए नहीं तो वे भी संघर्ष करेंगे।

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