अध्यापकों ने रोष धरना लगाकर निकाला सरकार का जनाजा

punjabkesari.in Tuesday, Nov 06, 2018 - 08:39 AM (IST)

पटियाला(जोसन, बलजिन्द्र): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने अध्यापकों के साथ बैठक रखने के बाद रद्द कर देने पर अध्यापकों का गुस्सा आज भी आसमान पर रहा। अध्यापकों ने सी.एम. सिटी में रोष धरना देकर सरकार का जनाजा निकाला। अब अध्यापक दीपावली का त्यौहार भी पटियाला में ‘काली दीपावली’ के रूप में मनाएंगे। इससे पहले भी अध्यापकों ने दशहरा और करवा चौथ जैसे त्यौहार संघर्ष दौरान ही मनाए हैं। आज पक्के मोर्चे के 30वें दिन मोगा, नवांशहर और गुरदासपुर के सैंकड़ों अध्यापकों ने भाग लिया।

जहां पक्के मोर्चे के 30वें दिन पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी होती रही, वहीं आज की मुख्य मंत्री के साथ बैठक को प्रभावित करने के लिए पहले से बनाई रणनीति के अंतर्गत शिक्षा विभाग ने निलंबित किए 14 संघर्षशील अध्यापकों को सुनवाई के लिए मुख्य दफ्तर बुलाया था। सुनवाई बारे जानकारी देते सांझा अध्यापक मोर्चा के कन्वीनरों दविन्द्र सिंह पूनिया, सुखविन्द्र सिंह चाहल, बाज सिंह खैहरा, बलकार सिंह वल्टोहा और हरजीत सिंह बसोता, सूबा को-कन्वीनर हरदीप सिंह टोडरपुर, दीदार सिंह मुदकी और अजीब द्विवेदी आदि ने बताया कि विभाग की सेवा खत्म करने की योजना एकतरफा और नियमों के विरुद्ध थी, जिसका सांझा अध्यापक मोर्चा द्वारा सख्त विरोध करने पर शिक्षा विभाग ने उनको अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिनों का समय और दे दिया है।

कुलदीप सिंह और गुरप्रीत ने कहा कि अध्यापकों का संघर्ष सच्चा और जायज है। अब यह संघर्ष सिर्फ अध्यापकों का संघर्ष न रह कर लोगों को संघर्ष बन चुका है, जिसके नतीजे के तौर पर जहां अध्यापकों के तबादलों के विरोध में लगातार स्कूलों को ताले लग रहे हैं, वहीं पूरे पंजाब में सरकार के विरुद्ध अर्थी फूंक प्रदर्शन हो रहे हैं। अपने अध्यापकों के पक्ष में विद्यार्थी और माता-पिता तक भी सड़कों पर उतर आए हैं।
आज संबोधित करने वालों में बिजली मुलाजिम हरियाली दस्ता ग्रुप के गुरप्रकाश सिंह, सुरिन्द्र सिंह, गज्जन सिंह मून एडवो. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, सरबदीप नवांशहर, जज्जपाल बाजेके, अरजिन्द्र कलेर, अतिन्द्रपाल घग्गा, सुरिन्द्र बिल्ला पट्टी उपस्थित थे।

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