सरकार द्वारा वेतन में कटौती करने से अध्यापकों में भारी रोष

punjabkesari.in Thursday, Jan 24, 2019 - 09:22 AM (IST)

पटियाला(जोसन, बलजिन्द्र): पंजाब सरकार ने अध्यापकों को डराने के उद्देश्य के साथ सरकार की वेतन कटौती स्कीम को मंजूर न करने वाले एस.एस.ए. और रमसा अध्यापकों के वेतन में भी बड़ा कट लगाकर वेतन जारी करने के आदेश जारी कर दिए हैं, जिसके साथ अध्यापकों में भारी रोष है और एस.एस.ए.-रमसा अध्यापक यूनियन ने इसकी निंदा करते हुए संघर्ष को और तेज करने की घोषणा है।

इस मौके जत्थेबंदी के राज्य प्रधान हरदीप टोडरपुर और महा सचिव गुरप्रीत अमीवाल ने बताया कि पंजाब सरकार ने 8886 को रैगुलर करने के लिए 65 से 75 प्रतिशत तक वेतन कटौती की शर्त जोड़ दी थी। चाहे नोटीफिकेशन अनुसार 15,300 वेतन पर रैगुलर हों या मौजूदा वेतन पर कार्य करते रहने का फैसला अध्यापकों की निजी इच्छा पर छोड़ा गया था लेकिन इसके बावजूद 15,300 की शर्त को मंजूर न करने वाले अध्यापकों का गत 7 महीने से वेतन रोक कर, दूर-दराज तबादले करके, छुट्टियों पर कट लगा कर, सस्पैंशनें तथा टर्मीनेशनें करके इस शर्त को मानने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

शिक्षा मंत्री की कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क

अध्यापक नेताओं ने बताया कि शिक्षा मंत्री ओम प्रकाश सोनी बार-बार बयान दे रहे हैं कि सरकार की 15,300 की शर्त न मानने वाले अध्यापक पुराने वेतन पर कार्य करते रह सकते हैं लेकिन आज वेतन कटौती का पत्र जारी किए जाने से स्पष्ट हो गया है कि शिक्षा मंत्री की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का फर्क है। सरकार ने 42,800 रुपए लेने वाले अध्यापकों को 20 हजार और 37,800 रुपए लेने वाले अध्यापकों को 15,000 लेने के आदेश जारी किए हैं। अध्यापक नेताओं ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा की जा रही इस धक्केशाही के खिलाफ और अध्यापकों, विद्यार्थियों व स्कूलों की अन्य मांगें मनवाने के लिए पंजाब के हजारों अध्यापक 27 जनवरी को अध्यापक संघर्ष कमेटी की अगुवाई में अमृतसर स्थित शिक्षा मंत्री की रिहायश का घेराव करने के लिए पहुंचेंगे।


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