सरकार और अध्यापकों के बीच टकराव और बढ़ा

punjabkesari.in Sunday, Nov 18, 2018 - 08:57 AM (IST)

पटियाला(जोसन/ बलजिन्द्र): अपना पूरा वेतन लेने के लिए अध्यापकों और सरकार में टकराव और बढ़ता जा रहा है।  42वें दिन भी अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ धरना देकर पिट-स्यापा किया। इस दौरान सांझा अध्यापक मोर्चा की राज्य कमेटी की बैठक सूबा कन्वीनर हरजीत सिंह बसोता की अध्यक्षता में हुई।


प्रदेश कन्वीनर सुखविंदर सिंह चाहल, बलकार सिंह वल्टोहा, दविंदर सिंह पूनिया, हरजीत सिंह बसोता और प्रदेेश को-कन्वीनर हरदीप सिंह टोडरपुर के अलावा कुलवंत सिंह, परमवीर सिंह, शमशेर सिंह, हरजीत सिंह जीता, तलविंदर खरोड़, रणजीत सिंह मान और विक्रमदेव सिंह आदि ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा सार्वजनिक शिक्षा का बर्बाद करने और अध्यापकों के संघर्ष को अत्याचार सेे दबाने की कोशिश के खिलाफ समूह अध्यापकों, मुलाजिम संगठनों, फैडरेशन्स और सार्वजनिक संगठन इस संघर्ष में बढ़-चढ़ कर भाग लेंगे। नेताओं ने बताया कि राज्य के 11 जिलों के अध्यापक अमृतसर में और 10 जिलों के अध्यापक बङ्क्षठडा में बढ़-चढ़ कर संघर्ष में भाग लेंगे और पटियाला जिले के अध्यापक पक्के मोर्चे पर डटेंगे।


अध्यापक नेताओं ने कहा कि पिछले दिनों पूर्व प्रधान मंत्री डा. मनमोहन सिंह की बेटी दमन ने होशियारपुर में उनकी जीवनी पर लिखी किताब बारे बोलते कहा कि उनके पिता के आदर्श हमेशा से अध्यापक रहे हैं, चाहे वे स्कूल हो चाहे कालेज हो। वहीं उसी कांग्रेस पार्टी की पंजाब सरकार ने गरीबों के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल करने वाले 8886 अध्यापकों की वेतन कटौती, 5178 मास्टर कैडर अध्यापकों, कम्प्यूटर अध्यापकों, वालंटियर और शिक्षा प्रोवाइडर अध्यापकों की सेवाएं पक्की न करके उन के भविष्य में अंधेरा कर दिया है। इन अध्यापकों ने पता नहीं कितने प्रधान मंत्रियों और राष्ट्रपतियों का रोल माडल बनना था, आज वे अपनेे जीवन के सबसे काले दौर में से गुजर रहे हैं जो कि पूरी कांग्रेस पार्टी के लिए किसी कलंक से कम नहीं है।
 

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