शीश महल पर फिट बैठती है ‘बूहे आई जंज विनो कुड़ी दे कन्न’ कहावत
punjabkesari.in Monday, Feb 03, 2020 - 10:46 AM (IST)

पटियाला(जोसन): जैसे ही इस साल का विरासती मेला लगाने के लिए समय आ गया है तो पूरा साल अनदेखा रहे शीश महल के बाहर के हिस्सों पर अब अधिकारियों ने लीपा पोती करवानी शुरू कर दी है जिससे पंजाबी की प्रसिद्ध कहावत ‘बूहे आई जंज विनो कुड़ी दे कन्न’ इस शीश महल पर पूरी तरह फिट बैठती है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के आदेशों पर उनके अपने जद्दी शहर में हर साल विरासती मेला लग रहा है और यह मेला अब इसी महीने लगने जा रहा है। गत वर्ष भी प्रबंधों की कमी कारण यह मेला चर्चा में रहा था और इस बार भी चाहे अधिकारियों की तरफ से यह मेला पूरी तरह सफल कराने के दावे किये जा रहे हैं परन्तु वास्तविकता इससे उलट नजर आ रही है। लोगों की आ रही शिकायतों के बाद जब पंजाब केसरी की टीम ने शीश महल का दौरा किया तो वहां कुछ मिस्त्री और मजदूर लगे हुए थे। जब इनके साथ बात की गई तो इन्होंने कहा कि हमें जितना अधिकारियों का हुक्म है हमने तो उतना ही काम करना है।
शीश महल का सबसे महत्वपूर्ण भाग है मैडल गैलरी
शीश महल का सब से महत्वपूर्ण भाग मैडल गैलरी है। इस गैलरी में 3200 के करीब बेशकीमती पदक मैडल और सिक्के मौजूद हैं जो महाराजा भुपिन्दर सिंह ने संसार के नामी देशों से इकट्ठा किए थे। इन मैडलों में मुख्य तौर पर ‘विक्टोरिया क्रास’, मोस्ट नोबल आर्डर ऑफ दी ग्रेटर (इंगलैंड), आर्डर आफ दी राइसिंग थे’ (जापान), आर्डर आफ दी डबल ड्रैगन (चीन), दी आर्डर आफ दी गोल्डन फलीस (आस्ट्रेलिया), दी आर्डर आफ दी वाइट एलेफैंट (थाईलैंड) शामिल हैं। इसके अलावा महाराजा रणजीत सिंह की तरफ से लार्ड आयरलैंड गवर्नर जनरल को दिया पदक ‘कौकबे इकबाले पंजाब’ भी यहां मौजूद है।
सभी के साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे सिक्योरिटी गार्ड
भारत की रियासतों के महाराजाओं की तरफ से बनाया शीश महल विभाग की नालायकी कारण पिछले 11 वर्षों से बंद है और जिस चींटी की चाल के साथ इसके अंदर का काम चल रहा है उससे लगता है कि अभी इस को कम से कम एक-दो वर्ष और खुलने को लग सकते हैं। सैलानियों के देखने के लिए इसमें राजे महाराजाओं के चलाए अपने-अपने सिक्के यहां बंद पड़े हैं। यहां तक कि यहां नानकशाही सिक्के भी पड़े हैं। रैनोवेशन के नाम पर यहां के अंदरूनी हिस्सों का काम एक प्राइवेट कंपनी की तरफ से किया जा रहा है। शीश महल के गेट पर ही बोर्ड लिख कर लगाया हुआ है कि मुरम्मत कारण शीश महल बंद है। यदि कोई अंदर जाने की कोशिश करता है तो यहां खड़े सिक्योरिटी गार्ड की तरफ से लोगों के साथ दुव्र्यवहार किया जाता है। शीश महल का इंचार्ज यहां बैठता ही नहीं है जिस कारण लोग दुखी हैं।