दशहरे वाले दिन चिट्टे ने बुझाया गांव वकीलांवाला में घर का इकलौता चिराग

punjabkesari.in Saturday, Oct 20, 2018 - 08:38 AM (IST)

जीरा(अकालियांवाला): विधानसभा हलका जीरा के गांव वकीलांवाला में दशहरे वाले दिन नौजवान चिट्टे के नशे की भेंट चढ़ता हुआ श्मशान के रास्ते पड़ गया है। इकबाल सिंह व गुरमीत कौर निवासी गांव वकीलांवाला का इकलौता बेटा जगदीप सिंह नशे करने का आदी था। नशे की बुरी आदत ने जगदीप को इस कदर जकड़ रखा था कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व पर घर के इकलौते चिराग जगदीप को मौत ने अपने आगोश में ले लिया जिसके चलते जिस घर ने दशहरे पर्व पर रोशनी से जगमगाना था उस घर अंधकार हो गया और पूरे गांव में मातम छा गया।

जगदीप ने शुक्रवार को चिट्टे का सेवन इतना अधिक कर लिया था कि उसकी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार जगदीप पिछले 3-4 साल से चिट्टे का सेवन कर रहा था। उसके चाचा ने बताया कि गांव वकीलांवाला में चिट्टे सहित विभिन्न प्रकार का नशा सरेआम बिकता है। सरकार तथा पुलिस प्रशासन इस पर काबू पाने में फेल साबित हुआ है।  

आखिर कब माताओं की चितकार सुनेगी सरकार
गत कई महीने से जिला फिरोजपुर में चिट्टे के कारण कई घरों में अंधकार छा चुका है तथा आज जीरा हलके के गांव वकीलांवाला में भी दशहरे वाले दिन उस मां की चितकार सबके दिल को चीर रही थी कि आखिर कब तक ऐसी माताओं की चितकार को अनसुना कर सरकारें अपनी कानों में अंगुली डाले रखेंगी। 22 वर्षीय इस नौजवान की बहन विदेशों में परिवार की रोजी-रोटी के लिए गई हुई है, जबकि जिसने ये जिम्मेदारियां निभानी थीं, वह नशों का आदी बनकर आज श्मशान के रास्ते पड़ गया है।

माता गुरमीत कौर कहती है कि उसने परमात्मा से 2 बच्चे मांगे थे, जिनमें से एक बेटा तथा एक बेटी थी, बेटी विदेश में गई हुई है। बेटा आज नशों की भेंट चढ़ गया है। उसने स्पष्ट किया कि गांव में सरेआम टीके तथा चिट्टा बिक रहा है। माता कहती है कि सरकारें तो बदलने लगीं, लेकिन हमारे घर की तकदीर नहीं बदली। मैं चाहती हूं कि सरकार इसको बंद करे, ताकि मेरी तरह किसी और घर का चिराग इस तरह न बुझे। 

swetha