अब डेंगू का ढंक तेज, 1 पुलिसकर्मी की मौत

punjabkesari.in Saturday, Oct 24, 2020 - 02:20 PM (IST)

तरनतारन (रमन): पहले कोरोना महामारी ने लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल किया था और अब डेंगू के तीखे डंक ने लोगों को बैंडों पर लेटने के लिए मजबूर कर दिया है। आज पंजाब पुलिस के एक कांस्टेबल की डेंगू के कारण मौत हो गई है। कांस्टेबल बलजीत सिंह निवासी झंडेर, जो थाने में कंप्यूटर ओपरेटर था, 20 अक्तूबर को बीमार होने के अंतर्गत 3 दिनों की छुट्टी पर गया था। बलजीत सिंह को डेंगू की शिकायत होने के कारण उसके परिवार की तरफ से उसका इलाज करवाया गया। इसके बाद शुक्रवार की दोपहर उसकी अमृतसर के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। सेहत विभाग के अनुसार डेंगू मरीजों की संख्या इस समय 302 हो चुकी है, जबकि वास्तव में डेंगू और प्लेटलैट्स की कमी से परेशान मरीजों की संख्या 2 लाख से पार जा चुकी है। 

झोलाछाप डाक्टरों की हो रही चांदी
जिलाभर में डेंगू मच्छर और प्लेटलैट्स की कमी से परेशान मरीजों की संख्या 2 लाख के करीब मानी जा सकती है। हर दूसरे घर में मौजूद लोग अपना इलाज करवाते नजर आ रहे हैं। यह संख्या रोजाना तेज होती नजर आ रही है। डेंगू बीमारी के शिकार हो चुके लोग कोरोना के डर के कारण अपना सिविल अस्पताल से करवाने की बजाय गलियों, मोहल्लों में मौजूद 5वीं पास डाक्टरों से करवा रहे हैं। इसके साथ ही कुछ डाक्टरों की तरफ से अपने क्लिनिकों में मरीजों को मोटे पैकेज देते हुए इलाज किया जा रहा है।

करवाई जा रही है फौगिंग और सप्रेय
सिविल सर्जन डा. अनूप कुमार ने बताया कि सेहत टीमों को घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के लिए भेजा गया है, जिनकी ओर से साफ पानी में पैदा होने वाले डेंगू मच्छर के लार्वे को एंटी लारवा सपे्रय से नष्ट किया जा रहा है। जल्द ही गलियों, मोहल्लों में मौजूद झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है। तांकि लोगों की सेहत के साथ किया जा रहा खिलवाड़ रोका जा सके। 


गलत इलाज से हो सकती है मौत
एम.डी. डा. संतोख सिंह ने बताया कि झोलाछाप डाक्टरों की तरफ से मरीज का बिना टैस्ट करवाए इलाज शुरू कर दिया जाता है। इससे शरीर में टी.एल.सी. की मात्रा कम हो जाती है और मरीज की जान को खतरा हो सकता है। इसलिए कोई परेशानी होने पर बिना माहिर डाक्टर की सलाह लिए किसी अज्ञात से इलाज नहीं करवाना चाहिए।

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