अदालती फैसले के बावजूद कोर्ट फीस वापसी पर हो रही 10 प्रतिशत की कटौती

punjabkesari.in Friday, Jan 22, 2021 - 12:45 PM (IST)

लुधियाना(पंकज): जिले में तैनात डिप्टी कंट्रोलर वित्त की तरफ से अदलती आदेशों के बावजूद कोर्ट केस में लगी फीस वापस करते समय की जा रही 10 प्रतिशत कटौती का मामला गर्माता नजर आ रहा है। हालांकि फाइनांस नियम के मुताबिक ई-स्टम्पिंग के रिफंड में 10 प्रतिशत की कटौती और कोर्ट केस में जमा पूरी रकम की वापसी संबंधी स्पष्ट निर्देश है। बावजूद इसके और अदालत की तरफ से पूरी रकम वापस करने संबंधी आदेश होने के बावजूद पूर्वी और पश्चिमी तहसील से संबंधित दर्जनों मामलों में स्थानीय अधिकारी की तरफ से की जा रही कटौती से परेशान पीड़ित लोग मामले को उच्च अदालत में ले जाने की तैयारी में हैं।

दरेसी निवासी राजेश कुमार और कुंदनपुरी निवासी सोनू कुमार ने बताया कि उनकी तरफ से अदालत में किए केस दौरान जो कोर्ट फीस जमा करवाई गई थी, केस खत्म होने के बाद अदालत की तरफ से उक्त पूरी रकम का रिफंड करने के आदेश देने के बावजूद जिले में तैनात डिप्टी कंट्रोलर अलोक जिंदल की तरफ से 10 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है। नियम के मुताबिक सिर्फ ई-स्टम्पिंग के रिफंड दौरान ही सरकार दस प्रतिशत की कटौती कर सकती है। जब इस संबंधी डिप्टी कंट्रोलर अलोक जिंदल से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका दफ्तर बंद मिला। पूछने पर पता चला की वह सप्ताह में एक दिन ही लुधियाना आते हैं। कुछ दिन पहले ही उन्हें फिरोजपुर का भी अतिरिक्त चार्ज मिला है।

कानून के मुताबिक कोर्ट फीस में कोई कटौती नहीं की जा सकती : एस.डी.एम.
उधर, इस मामले संबंधी जब एस.डी.एम. दफ्तर के स्टाफ से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून के मुताबिक कोर्ट फीस में कोई कटौती नहीं की जा सकती। वह इस संबंधी डिप्टी कंट्रोलर को अदालती आदेश की प्रति भी भेज चुके हैं। इसमें उनकी तरफ से कोई कोताही नहीं की जा रही, बावजूद इसके रिफंड लेने वाले इसके लिए उन पर दबाव बना रहे हैं। उधर जब मामले संबंधी फाइनांस विभाग के सचिव अभिनव त्रिखा से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि अगर किसी को ऐसी कोई परेशानी आ रही है तो वो अपील कर सकता है। बिना आर्डर की कॉपी देखे वो इससे ज्यादा कोई कमैंट नहीं कर सकते।

Sunita sarangal