लड़की को Missed Call मारने पर 10वीं कक्षा के लड़के को मिली भयानक सजा, हैरान कर देगा पूरा मामला

punjabkesari.in Monday, Jun 14, 2021 - 10:51 AM (IST)

फिल्लौर(भाखड़ी): 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे को अपने ही स्कूल की 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा को फोन पर मिस कॉल करनी महंगी पड़ गई। लड़की के पिता की शिकायत पर स्कूल बुलाने के बहाने बच्चे को रास्ते में घेर कर उसकी लात-घूंसों व डंडे से बुरी तरह से मारपीट की गई।



पीड़ित बच्चे के पिता जसवंत सिंह, ताया कश्मीर सिंह ने स्थानीय शहर में पत्रकार सम्मेलन का आयोजन कर बताया कि वह नजदीकी गांव चीमा खुर्द के रहने वाले है और सब-डिवीजन फिल्लौर के डी.एस.पी. सुहेल कासिम मीर जो आई.पी.एस. अधिकारी है, उनके पास अपने बच्चे को इंसाफ दिलवाने की शिकायत लेकर आए हैं। उनका बच्चा अरुणदीप सिंह (15) गांव चक्क देस राज में बनी एकैडमी में 10वीं कक्षा में पढ़ता है। 2 दिन पहले उन्हें स्कूल की प्रिंसीपल हेमलता का फोन आया कि उनके बच्चे की शिकायत आई है, उसे अभी स्कूल लेकर आएं। बच्चे का ताया उसे मोटरसाइकिल के पीछे बैठाकर स्कूल की तरफ निकल गया। कश्मीर सिंह ने बताया कि स्कूल से आधा किलोमीटर पहले ही मोटरसाइकिल पर सवार 3 लोगों जिनके पास डंडे व अन्य हथियार थे, ने उन्हें घेर लिया। एक व्यक्ति ने उसकी बाजू पकड़ कर कहा कि वह चुपचाप खड़ा रहे उन्होंने उसके बच्चे को सबक सिखाना है जो उनकी लड़की को फोन कर परेशान करता है। उसके बाद उन्होंने अरुणदीप को लात-घूंसों से मारना शुरू कर दिया, सिर पर किसी चीज से वार कर उसका सिर फोड़ डाला। वे बच्चे के साथ मारपीट की फोन से वीडियो बना रहे थे। जब तक बच्चा पूरा बेसुध होकर गिर नहीं गया। उन्होंने तब तक उसे नहीं छोड़ा। 

स्कूल में जकर लड़की के पैरों में गिराकर मंगवाई माफी
बच्चे के ताए ने बताया कि उसके बाद उक्त लोग उन्हें अपने साथ स्कूल ले गए वहां जाकर उसे पता चला कि उनके बच्चे से उनकी लड़की के फोन पर मिस कॉल चली गई थी, जिसकी उसे सजा बुरी तरह मारपीट कर दी जा रही है। मापीट करने वालों में एक लड़की का पिता भी था। वहां प्रिंसीपल के सामने उन्हें मुजरिमों की तरह पेश किया गया और वहां 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा भी बैठी थी वहां उनके बच्चे से कहा गया कि वह उसके पैर पकड़े और माफी मांगे जिसकी फिर वीडियो बनाई गई। लड़के के पिता को भी फोन कर वहां बुलाया गया और उसे भी वहां पर माफी मांगने के कागजात पर जबरन हस्ताक्षर करवाए गए। 

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Vatika