कोरोना संकट: पंजाब की जेलों से 11 हज़ार कैदियों को किया गया रिहा, बाकियों को भी छोड़ने की तैयारी !

punjabkesari.in Monday, Aug 10, 2020 - 04:37 PM (IST)

पंजाब: कोरोना वायरस का असर हर क्षेत्र में हो रहा है। इस प्रकोप के चलते हर दिन नए दिशा-निर्देशों के साथ-साथ जरूरी गाइडलाइंस जारी की जा रही है। देश-विदेश में लाखों की संख्या में अपनी चपेट में ले चुका ये वायरस हर दिन तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। इसके बचाव के लिए जारी सुझावों में सोशल डिस्टन्सिंग की पालना मुख्य है। इसके लिए सरकार हर क्षेत्र में हरसंभव प्रयास कर रही है जिससे इस स्थिति से निपटा जा सके। जेलों में भी इस महामारी से बचने के लिए कैदियों को पैरोल दी जा रही है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए जेलों में इसके बचाव के लिए जारी निर्देशों की पालना करना कैदियों के बीच खतरे की घंटी बन सकता है। ऐसे में एक उच्च शक्ति वाली समिति (एचपीसी) ) ने सुझाव दिया है कि कैदियों की संख्या 50 प्रतिशत तक कर स्थिति को काबू में किया जा सकता है। 

पंजाब राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (PSLA) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आरके जैन, एडिशिनल मुख्य सचिव (जेल) आर वेंकट रत्नम और एडिशिनल पुलिस महानिदेशक (जेल) प्रवीण कुमार सिन्हा सहित तीन सदस्यीय एचपीसी ने महसूस किया कि लगभग 4000-5000 कैदियों को जेल की आबादी को कम करने के लिए पैरोल पर रिहा किया जाना चाहिए। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद गठित समिति ने 31 जुलाई को आयोजित अपनी नवीनतम बैठक में यह भी सिफारिश की कि पैरोल पर रिहा किए गए कैदियों को पैरोल पर बने रहना चाहिए।

पंजाब की जेलों में 23,800 कैदियों की समर्थ 
पंजाब में नौ केंद्रीय जेल, छह जिला जेल, चार विशेष जेल और पांच उप जेल हैं, जिनमें कुल क्षमता 23,800 कैदियों की है। मार्च और मई में हुई बैठकों में एचपीसी की सिफारिशों के बाद 11,000 से अधिक कैदियों को रिहा किया गया था। रिहा किए गए 11,000 में से कम से कम 6000 आरोपी थे और शेष अंडर ट्रायल कैदी थे। इस बीच, 9,391 नए कैदियों को बरनाला, पट्टी, बठिंडा, लुधियाना में दो (महिलाओं के लिए एक सहित), और पठानकोट में स्थित छह विशेष जेलों में भेजा गया।  ऐसे में ये प्रशासन के लिए बड़ा खतरा और मुश्किल है कि इनको कैसे संभाला जाए। इसी के साथ जेलों में भी पॉजिटिव कोरोना कैदियों की संख्या बढ़ रही है, जिसमें और देरी स्थिति को बिगाड़ सकती है।   

वर्तमान स्थिति को देखते हुए एचपीसी ने पंजाब सरकार को "उपयुक्त और पर्याप्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के निर्माण की दिशा में तत्काल कदम उठाने की सिफारिश की है। 

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण राज्यों की जेलों में कैदियों की संख्या कम रखने के लिए पंजाब सरकार ने पंजाब अच्छे व्यवहार कैदी (आरज़ी रिहाई) संशोधन आर्डीनैंस, 2020 जारी किया है। जेल मंत्री सुखजिन्दर रंधावा ने कहा कि इस संशोधन के जारी होने साथ कैदियों को एक कैलंडर साल में आरजी पैरोल के लिए 16 सप्ताह से अधिक भी पैरोल दी जा सकेगी। कोविड संकट की शुरुआत में पंजाब सरकार ने कुछ कैदियों को आरज़ी पैरोल दी थी जिससे जेलों में कैदियों की संख्या कम रह सके। ऐसे में अब और कैदियों को कम करने पर विचार-विमर्श किया जाए रहा है। इस आर्डीनैंस के अंतर्गत हर तिमाही आधार पर आरज़ी रिहाई की शर्त भी माफ कर दी है। यह कदम कोरोना वायरस के संकट के मद्देनज़र राज्यों की जेलों में कैदियों की सामाजिक दूरी का ख्याल रखने के लिए उठाया गया है।


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Edited By

Tania pathak

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