पंजाब के 14 जेल आधिकारियों विरुद्ध कार्रवाई की सिफारश,आतंकियों से थे संपर्क

punjabkesari.in Friday, May 18, 2018 - 07:48 PM (IST)

पटियालाः पंजाब की जेलों में बंद पाकिस्तानी कैदियों की तरफ से पाकिस्तान में बैठे अपने सरगनाओं के साथ फोन पर संबंध रखने और जेल से ही आतंकवादियों की भर्ती के यत्न करने और भारत विरुद्ध साजिशें रचने के आरोपों के अंतर्गत पंजाब जेल विभाग के करीब एक दर्जन आधिकारियों विरुद्ध गंभीर विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ चार्जशीट भी जारी की जा सकती है। अब जेल विभाग ने इनके विरुद्ध आई जांच रिपोर्ट के बाद पंजाब सरकार को सख़्त कार्रवाई करन के लिए सिफारिश कर दी है। यह रिपोर्ट आईजी (जेलें) रूप कुमार अरोड़ा की तरफ से तैयार की गई है। 


इस सम्बन्धित डीजीपी (जेलें) आईपीएस सहोता ने बताया कि उन्हें अदालत के आदेश मिल गए हैं। सरकार ने मामले की जांच शुरु की हुई है। विभागीय जांच में 14 अधिकारी सम्बन्धित जेलों में ड्यूटी दौरान कोताही और लापरवाही बरतने के दोषी पाए गए हैं। इनके विरुद्ध पंजाब सरकार को कार्रवाई करने की सिफारिश कर दी है। प्राथमिक जांच दौरान यह बात सामने आई है कि लश्कर-ए -तोयबा के आतंकवादियों को पंजाब की जेलों में मोबाइल फोन बरतने की छुट दी गई। इस आरोप में एक डीआईजी रैक के अधिकारी समेत 14 आधिकारियों के नाम सामने आए हैं। 

 

प्राप्त दस्तावेजों अनुसार इन में एक मौजूदा डीआईजी (जेल) लखमिन्दर सिंह जाखड़, तीन समकालीन डीएसपी मनजीत सिंह कालडा, गुरपाल सिंह सरोया, जो होने जेल सुपरडैंट के तौर पर तैनात हैं और एक सुपरडैंट जेल जीवन कुमार गर्ग जो अब पीसीएस (अलाईड सर्विस) में तैनात है और चार सेवामुक्त अधिकारी प्रेम सागर शरमा, जेपी सिंह, गुरशरन सिंह सिद्धू और बलबीर सिंह बीसला शामिल हैं और एक अधिकारी चरनजीत सिंह भंगू की मौत हो चुकी है। यह अधिकारी साल 2009 से लेकर 2011 तक पंजाब की दो जेलों में तैनात थे जहां से लश्कर के अतिवादी बिना किसी रोक टोक के पाकिस्तान में फोन करते रहे। साल 2017 में जैपुर की अदालत ने पंजाब सरकार को सिफारिश की थी कि पंजाब की जेलों में बंद पाकिस्तान के आतंकवादियों की तरफ से मोबाइल फोन पर पाकिस्तान और भारत में अपने समर्थकों के साथ संपर्क करने के आरोप में सख्त कार्रवाई की जाए। 10 दिसंबर को जैपुर की अदालत ने लश्कर के आठ आतंकवादियों को उम्रकैद की सजा  दी थी। इन में से बीकानेर जेल में बंद असगर अली, नाभा जेल में बंद शाकर उला अमृतसर और पटियाला की जेलों में बंद रहा मोहम्मद इकबाल पाकितसान में अपने सरगानों के साथ मिल कर जेल अंदर से ही आतंकवादियों की भरती करते रहे। 


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