पंजाब में 6 सालों में 16609 किसान कर चुके हैं आत्महत्या, 10 लाख से ज्यादा डूबे कर्जे में

punjabkesari.in Tuesday, Oct 16, 2018 - 04:11 PM (IST)

जालंधर। भले ही पंजाब में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद सरकार किसानों को कर्ज से निजात दिलाने की कोशिश कर रही है, इसके बावजूद किसानों द्वारा आत्महत्या करने  का सिलसिला अभी भी जारी है। पंजाब सरकार ने तीन यूनिवर्सिटीज की मदद से डोर टू डोर सर्वे करवाया है और वर्ष 2010 से 2016 तक के आत्महत्या करने वाले किसानों के आंकड़े जुटाए हैं। सर्वे के मुताबिक इन 6 सालों में 16606 किसानों ने आत्महत्या की। सर्वे के मुताबिक इनमें से 87 फीसदी किसान ऐसे थे जिन्होंने खेती करने के लिए बैंकों से कर्ज लिया था। जबकि आत्महत्या करने वाले इन किसानों में 76 फीसदी छोटे किसान थे, जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन थी। मरने वालों में खेतीहर मजदूर भी शामिल थे, जिनके पास कोई जमीन ही नहीं थी।   

पंजाब के किसान अपने जीवन यापन के लिए कठिन परिश्रम करते हैं। ज्यादातर किसानों के पास जमीन बहुत कम है और वे इसी जमीन से पशुओं के लिए चारा और और अपने लिए अनाज भी उगाते हैं। पंजाब में किसान पशुओं का दूध बेचकर आमदनी एकत्रित करते हैं। कर्जों में फंसे परिवारों की हालत पंजाब में ऐसी है कि उनके बच्चे ठीक ढंग से शिक्षा भी ग्रहण भी नहीं कर पा रहे हैं। कर्ज हाने के कारण ऐसे परिवारों की बेटियों को रिश्ते मिलने भी आसान नहीं होते हैं।
  
वर्ष 2015 में पंजाब सरकार ने आत्महत्या करने वाले किसान के परिवार को तीन लाख रुपए की राशि मुआवजे में देने की नीति तैयार की थी, जिसे कैप्टन सरकार ने पांच लाख रुपए कर दिया है। जिससे किसानों को कोई खास राहत नहीं मिल पाई है। पंजाब में खेती के कारण कर्ज में फंसे किसान अब खेती करना ही नहीं चाहते। वे अपने बच्चों को खेती न करने की सलाह देने लगे हैं। खेती से आमदनी नहीं होने के कारण वे अपने बच्चों को नौकरी तलाश करने की मशवरा देते हैं। खेती करने से जहां खर्चे बढ़ते जा रहे हैं, वहीं जब कोई रास्ता नहीं बचता तो किसान कर्ज से परेशन होकर आत्महत्या कर लेते हैं। वर्तमान में सत्ता में काबिज हुई सरकार किसानों के कर्जे मुआफ करने के प्रयास कर रही। सरकार ने पांच एकड़ तक भूमि वाले छोटे और अत्यंत छोटे किसानों का दो लाख तक का पूरा फसली ऋण एकमुश्त माफ कर दिया है। अन्य किसानों को कर्ज राशि पर फ्लैट दो लाख रुपये ऋण माफी की राहत दी गई है। इससे पंजाब के कुल 10 लाख 25 हजार किसान कर्ज में डूबे हुए हैं। इनमें से 8.75 लाख किसान पांच एकड़ तक भूमि वाले हैं। 

Suraj Thakur