स्मार्ट होंगे 17 हजार आंगनबाड़ी केन्द्र

punjabkesari.in Friday, Jul 19, 2019 - 08:03 AM (IST)

जालंधर(मोहन): आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्तनपान करवाने वाली महिलाओं और शिशुओं को खाने के लिए दिए जाते पौष्टिक आहार की ऑन लाइन निगरानी के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं को शीघ्र की स्मार्टफोन दिए जाएंगे। केन्द्र के सुझाव पर पंजाब इस योजना की प्रक्रिया को आगामी सप्ताह से शुरू कर देगा। राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री अरूणा चौधरी ने बताया कि सैद्धांतिक रूप से वित्त मंत्री से बातचीत के बाद इस पर सहमति हो चुकी है और आगामी सप्ताह में इस संदर्भ में फाइल वित्त विभाग को दे दी जाएगी।

निगरानी के साथ-साथ स्मार्टफोन देने से आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं को रिकार्ड रखने के 11 रजिस्ट्ररों से भी मुक्ति मिलेगी। आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं के साथ-साथ विभाग के सुपरवाइजरों को भी स्मार्टफोन अथवा टैब दिए जाने है। केन्द्र सरकार द्वारा पौष्टिक आहार योजना के तहत विभिन्न रा’यों में हर वर्ष करोड़ों रुपयों का अनुदान दिया जाता है जिसमें राज्य भी मैचिंग ग्रांट के रूप में अपना हिस्सा डालते है। परन्तु पिछलें कुछ वर्षों से ऐसी शिकायत आ रही है कि केन्द्र की तरफ  से आती ग्रांट में पंजाब अपनी राशि का हिस्सा नहीं डाल रहा जिससें लाभार्थियों को समय पर इस योजना का फायदा नहीें मिलता। इसलिए केन्द्र सरकार ने अब आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं से सीधे ही रिपोर्ट लेने के लिए उन्हे स्मार्टफोन योजना के साथ जोडऩे के लिए पंजाब सरकार को कहा है। राज्य में 27 हजार आंगनबाड़ी केन्द्र है।

पंजाब सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं को स्मार्टफोन देने के लिए टैंडर भी निकाला था परन्तु बाद में इस योजना में स्मार्टफोन के साथ चार्जर इत्यादि देने के लिए टैंडर को दोबारा देने के निर्णय लिया गया है। इस योजना के पायलट प्राजैक्ट के रूप में 4 जिलों को शामिल करने की योजना है जिसमें लुधियाना, मोगा, फरीदकोट व मानसा शामिल है। प्रथम चरण में 4766 स्मार्टफोन और 300 टैब दिए जाने की योजना है। कुछ माह पूर्व भी इसी योजना को शुरू किया जाना था और इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं को बकायदा ट्रेनिंग भी दी गई थी। स्मार्टफोन योजना पर सरकार ने 10 करोड़ रुपए खर्च करने है और प्रोत्साहन राशि भी दी जानी है जो 500 रुपए प्रति माह तक हो सकती है। 


ऑनलाइन निगरानी में केन्द्र सरकार रखेगी नजर 
इस ऑन लाइन निगरानी में केन्द्र सरकार यह नजर रख सकेगी कि उसके द्वारा दी गई राशि का इस्तेमाल कैसे हो रहा है और आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति क्या है।  इसके साथ ही सिस्टम को डिजीटल तथा ऑन लाइन करने से आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं को रजिस्टरों को बोझ कम होगा। वर्तमान में प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र में 11 रजिस्टर रखे जाते है जिनमें ब‘चों के नाम, उनके भार की प्रगति, स्वास्थ्य, टीकाकरण, पौष्टिकता, आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता और सहायक की उपस्थिति, गर्भवती महिला व स्तनपान करवाने वाली महिला व शिशु का रिकार्ड भी शामिल है। यह तमाम कार्य बोझ भरा है। 


नया सिस्टम आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं का बोझ कम करेगा 
मंत्री अरूणा चौधरी का कहना था कि नया सिस्टम आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं का बोझ कम करेगा और उनके कार्य में सुधार में मदद देगा। विभाग में सुधार के प्रयासों के तहत ही अब लंबे समय से एक ही कार्यलयों में बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों को स्थानांतरण किया जा रहा है। इसी योजना के तहत सुपरवाइजर और क्लर्क अब 10 वर्ष से अधिक तथा सहायक 5 वर्ष से अधिक समय तक एक कार्यलय में नहीं रह सकेगें और अब ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों का सिलसिला जारी है।

स्मार्टफोन सिस्टम से 11 में से 10 रजिस्टरों से मुक्ति मिलेगी
नए स्मार्टफोन सिस्टम से 11 में से 10 रजिस्टरों से मुक्ति हो जाएगी। स्मार्टफोन के एक एप से तमाम जानकारी तुरन्त सरकार की नजर में होगी और समस्या भी तमाम सरकार के पास आ जाएगी। केंद्र सरकार के पास भी ऐसा तमाम विवरण बराबर होगा। नए सिस्टम से शिशुओं की तमाम जानकारी मोबाइल एप से तत्काल रजिस्टर हो जाएगी, जिन्हें कॉमन एप्लीकेशन साफ्टवेयर पर लोड किया जाएगा। ऐसी भी अक्सर शिकायतें रहती है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायक केन्द्रों की बजाय अधिक समय हड़तालों और प्रदर्शनों पर ही लगाती है। परन्तु नए सिस्टम से सब कुछ पारदर्शी हो जाएगा। 


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