जहरीली शराब पीने से पुलिस एकैडमी फिल्लौर के 2 थानेदारों ने गंवाई जान

punjabkesari.in Thursday, Aug 30, 2018 - 09:28 AM (IST)

फिल्लौर (भाखड़ी): शहर और उसके नजदीकी गांव में शराब माफिया के लोग धड़ल्ले से जहरीली शराब बेचने का अवैध कारोबार कर रहे हैं। इसका सेवन करने से शहर के एक ही मोहल्ले ऊंची घाटी के दर्जन भर से ज्यादा लोग जान से हाथ धो बैठे हैं। इसे पीने वाले जो जीवित बचे हैं, वह लिवर और टी.बी. की बीमारी का शिकार होकर घर में चारपाई पर पड़े हैं। हैरानी की बात है कि पिछले 3 सप्ताह में पुलिस एकैडमी में कार्यरत 2 थानेदार जहरीली शराब पीने से दम तोड़ चुके हैं जबकि एक डी.एस.पी. रैंक के अधिकारी का लीवर खराब हो चुका है जिसका उपचार चल रहा है। आलम यह है कि सस्ती शराब पीकर लोग बेसुध होकर सड़कों के किनारे बेसुध गिरे पड़े हैं।  

यहां चल रहा है अवैध शराब का कारोबार
ऊंची घाटी के एक घर में जहां जहरीली अवैध शराब धड़ल्ले से बेची जा रही है, वहीं गांव गन्ना पिंड, मोहल्ला रविदासपुरा, गांव सेलकीयाना, गढ़ा पिंड और शहर में पड़ते जंगलात विभाग के जखीरे में तो सूर्य छिपते ही जहरीली शराब बेचने के कारोबारी जगह-जगह डेरा जमा कर खुलेआम शराब बेचते हैं।

18 करोड़ में ठेके खरीदकर पछता रहे ठेकेदार 
फिल्लौर सर्कल के ठेकेदार अविनाश के अधिकारी ने बताया कि उन्होंने शहर के 3 सर्कल के ठेके 18 करोड़ में खरीदे हैं परंतु वह यह ठेके लेकर अब बुरी तरह से फंस चुके हैं, क्योंकि यहां जहरीली और अवैध शराब के कारोबारी पुलिस की नाक तले धड़ल्ले से शराब बेच रहे हैं। जबकि उनके एक सर्कल के ठेके की रोजाना की किस्त 1 लाख 63 हजार रुपए है जबकि दूसरे सर्कल की 1 लाख 64 हजार और गांव नगर की 1 लाख 36 हजार एक दिन की किस्त बनती है। जिसे चुकाने में वह असमर्थ हैं।

पुलिस एकैडमी में हो रही है जहरीली शराब सप्लाई 
ट्रेनिंग करने आए पुलिस अधिकारियों को कानून का पाठ पढ़ाने वाली पुलिस एकैडमी के मुलाजिम भी जहरीली शराब पीकर जान से हाथ धो रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि ट्रेनिंग देने वाले उस्तादों को ट्रेङ्क्षनग लेने आए अधिकारी उपहार में महंगी शराब भेंट कर देते हैं जिससे वह शराब के आदी हो जाते हैं। बाद में महंगी शराब खरीदकर पीने में असमर्थ यह अधिकारी मजबूरी में सस्ती और जहरीली शराब का सेवन करने लगते हैं। यही कारण है कि जहरीली शराब पीने से थानेदार रैंक के 2 अधिकारी पिछले 3 सप्ताह में जान से हाथ धो बैठे है। अब आलम यह है कि शराब माफिया के लोग फोन पर ही एकैडमी के अंदर जहरीली शराब की सप्लाई देने पहुंच जाते है।

क्या कहना है पुलिस एकैडमी के अधिकारियों का
इस संबंध में जब एकैडमी के डिप्टी डायरैक्टर से बात की तो उन्होंने कहा कि अवैध शराब के कारोबार को रोकने का काम थाने में तैनात पुलिस अधिकारियों का है। अगर पुलिस अकैडमी में इस प्रकार जहरीली शराब की सप्लाई हो रही है तो इसकी वह जांच करवा कर इसका सेवन करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे।  

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