पंजाब में दहशत फैलाने वाले गिरोह के 2 बदमाश गिरफ्तार

punjabkesari.in Friday, Dec 07, 2018 - 10:13 AM (IST)

लुधियाना(राम): पंजाब के करीब 5 शहरों में लूटमार व मारपीट की घटनाओं से दहशत मचाने वाले लूटेरा गिरोह के 2 सदस्यों को थाना जमालपुर की पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिन्होंने बीती 4 दिसम्बर की मध्य रात्रि गांव जांडियाली में एक घर में दाखिल होकर महिलाओं से मारपीट करते हुए नकदी व सोना लूटा था,  जिसके बाद उक्त लूटेरों ने इसी रात जांडियाली के जसपाल सिंह को मोटर पर रहने वाले रामायण राम पुत्र बांगे रत्ती राम के परिवार से 3 तोले सोना, चंदी व नकदी लूटी थी। 

इसी मामले में आयोजित प्रैस वार्ता में डी.सी.पी. क्राइम गगनजीत सिंह, ए.डी.सी.पी.-4 राजवीर सिंह बोपाराए व अन्य अधिकारियों ने बताया कि गांव जांडियाली के इलाके में हुई 2 वारदातों के बाद थाना जमालपुर की पुलिस द्वारा लुटेरों की तलाश की जा रही थी, जिसमें पी.सी.आर. दस्ता नं.-75 के मुलाजिम बसंत सिंह की टीमें जुटी हुई थीं। इस दौरान ही जब पुलिस की टीमें सुखदेव धर्म कांटा, नजदीक कंटेनर डिपू, चंडीगढ़ रोड पर पहुंची तो वहां चाय पी रहे कुछ मजदूरों में से 5 व्यक्ति पुलिस टीम को देखकर वहां से भाग निकले, जिनका पीछा करते हुए पी.सी.आर. मुलाजिम बसंत सिंह व सब इंस्पैक्टर हरभजन सिंह ने 2 को काबू कर लिया, जबकि उनके तीन साथी मौके से भाग निकले, पकड़े गए दोनों व्यक्तियों की पहचान अब्दुल्ला रेहमान उर्फ सोनू पुत्र प्रवेश खान निवासी कैंथल, हरियाणा व साजिम उत्तर ताहिर हुसैन निवासी उक्त के रूप में हुई है। पुलिस द्वारा बाकि के लूटेरों की तलाश की जा रहे है। 


लूट के लिए प्रयोग किए हथियार बरामद 
ए.डी.सी.पी. राजवीर सिंह ने बताया के लूटेरों द्वारा अंजाम दी गई वारदात के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार लाठियां व तेजधार हथियार पुलिस द्वारा बरामद कर लिए गए हैं, जिनके बाकि के साथियों सविद, मैंगो, मैङ्क्षचग, मुनीश, सोनू व अर्शद की तलाश की जा रही है। 

आधा दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज 
उक्त लूटेरा गिरहों के खिलाफ पंजाब के अलग-अलग शहरों में 7 मामले लूट के दर्ज हैं, जिनमें पुलिस को उनकी तलाश है। पुलिस द्वारा काबू किए गए सदस्यों को कोर्ट में पेशकर रिमांड हासिल कर आगे की पूछचाश की जाएगी। 

एक ही परिवार के थे गैंग के सदस्य
उच्चाधिकारियों ने बताया के काबू किए गए दोनों लूटेरों ने पूछताछ में बताया कि वह गैंग के 8 सदस्य हैं, जो आपस में ही चाचा-ताया के लड़के हैं। उक्त गैंग में वह किसी भी बाहरी व्यक्ति को शामिल नहीं करते थे। उनका मुख्य निशाना खेतों में बने हुए घर, कॉलोनियों के बाहर वैसे हुए घर ही होते थे। यहां वह रेकी कर घर में दाखिल होते थे और परिजनों को बांधकर व मारपीट कर लूट करते थे। 

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