कम्पाइल रिपोर्ट में खुलासा: 5 माह से नदियों में गंदगी धकेल रहे 21 सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट

punjabkesari.in Tuesday, Jul 09, 2019 - 08:13 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): पिछले 5 माह से पंजाब के करीब 21 सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट नदियों में सीधे गंदगी धकेल रहे हैं। इन सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट से निकलने वाला पानी निर्धारित मापदंडों पर खरा नहीं है। यह खुलासा जून-2019 की कम्पाइल रिपोर्ट में हुआ है। इसमें सामने आया है कि 5 माह के दौरान 21 ट्रीटमैंट प्लांट के लगातार सैंपल लिए गए लेकिन कोई भी ट्रीटमैंट प्लांट एक बार भी निर्धारित मानक को पूरा नहीं कर पाया। इन सभी ट्रीटमैंट प्लांट की जांच-पड़ताल के लिए पानी के जो नमूने लिए गए, वह 3 बार से ज्यादा फेल पाए गए। यह हालत तब है जब नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल लगातार नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए निर्देश जारी कर रहा है। 

दिसम्बर-2018 में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सभी राज्यों को निर्देश दिए थे कि नदियों के पानी को शुद्ध करने की दिशा में सख्त कदम उठाए जाएं। कम से कम नदियों के पानी को नहाने लायक बनाने की दिशा में काम किया जाए। इसके लिए ट्रिब्यूनल ने राज्य सरकारों को एक्शन प्लान बनाने की भी हिदायत दी थी। बेशक पंजाब सरकार ने एक्शन प्लान तो तैयार कर लिया है लेकिन नदियों में प्रदूषित पानी रोकने में राज्य सरकार नाकाम साबित हो रही है।

पंजाब की 4 नदियां प्रदूषित नदी की श्रेणी में 
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पंजाब की 4 नदियों को प्रदूषित नदी या इन नदियों के कुछ भाग को प्रदूषित घोषित किया हुआ है। इनमें सतलुज और घग्घर को सबसे ज्यादा प्रदूषित नदियों की श्रेणी नंबर-1 में रखा गया है। ट्रिब्यूनल ने ऐसी नदियों के प्रदूषण की रोकथाम में कोताही बरतने वालों से परफॉर्मेंस गारंटी वसूलने के भी निर्देश दिए हैं। श्रेणी-1 वाली नदियों वाले राज्यों से 15 करोड़ रुपए प्रत्येक नदी परफॉर्मैंस गारंटी वसूलने की बात कही गई है, ताकि नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए तैयार किए गए एक्शन प्लान को निर्धारित समयसीमा में पूरा किया जा सके। 

सतलुज के 15, घग्गर के 4 सैंपल फेल
श्रेणी-1 में होने के बावजूद घग्गर और सतलुज नदी के आसपास इलाके में लगे सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट सही काम नहीं कर रहे हैं। अकेले जून-2019 में सतलुज के पास के 15 सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट, जबकि घग्गर के पास के 4 सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट से लिए गए नमूने फेल पाए गए हैं। अमूमन नमूने बायोकैमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बी.ओ.डी.), फीकल कॉलीफार्म (एफ.कोली), पोटैंशियल ऑफ हाइड्रोजन (पी.एच.) के निर्धारित मानक पर खरे नहीं उतरे।

अधिकतम 102 सैंपल किए गए कलैक्ट
पंजाब में पिछले 5 महीने के दौरान 2019 में प्रदेशभर से सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के अधिकतम 102 सैंपल लिए गए, जिनमें से 36 सैंपल फेल पाए गए। इसी कड़ी में करीब 23 सैंपल केवल सांकेतिक तौर पर पास हुए। विशेषज्ञों की मानें तो यह बेहद खेदजनक बात है कि 102 सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के सैंपल में केवल 53 सैंपल ही पास हो सके हैं। जाहिर है कि बाकी सैंपल निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। यह नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में बेहद ढीला रवैया उजागर कर रहे हैं। 

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