धर्म के नाम पर चल रहे नशा छुड़ाओ केंद्र से 250 नवयुवक छुड़वाए गए

punjabkesari.in Wednesday, Oct 17, 2018 - 05:07 PM (IST)

रूपनगर(विजय): चमकौर साहिब नशा छुड़ाओ केंद्र में 70 युवकों का डाक्टरी मुआयना किया गया, जिन्हें भिन्न तरीकों से नशा छुड़ाओं केंद्र के संचालकों ने घायल किया था। लगभग 188 युवकों (18 से 30 वर्ष) को उनके परिजनों के हवाले किया गया है। जबकि 7 युवकों को मोहाली नशा छुड़ाओ केंद्रों में शिफ्ट कर दिया गया है। 8 डाक्टरी टीमें केंद्र में अन्य युवकों का डाक्टरी मुआयना कर रही थी। पुलिस ने इस संबंध में केंद्र के संचालक तथा दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया है।

जिला पुलिस प्रमुख स्वप्न शर्मा ने पंजाब केसरी से विशेष बातचीत करते हुए बताया कि गुप्त सूचना मिलने के उपरांत जिला पुलिस बल ने धर्म के नाम पर चलाए जा रहे जंड साहिब गुरमुखी अकादमी जंडपुर (चमकौर साहिब) ने छापेमारी की। उन्होंने बताया कि लगभग 250 युवकों को बुरी हालत में एक बड़े हाल में रखा गया था। जो कि मानव के रहने योग्य नहीं था। इस बिल्डिंग को एक किले की शक्ल दी गई थी ताकि कोई भी युवक वहां से भाग न पाए। उन्होंने कहा कि युवकों के मां-बाप धर्म से प्रेरित होते हुए अपने बच्चों को इस केंद्र में नशा छुड़वाने के लिए भर्ती करवा रहे थे। परंतु इस केंद्र में उपचार के नाम पर युवकों पर भारी अत्याचार किया जा रहा था। जिसको शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई युवक घर जाने के लिए कहता तो उसे जाने नहीं दिया जाता था। बल्कि उसकी डंडों से पिटाई की जाती थी और कुछ युवकों के गुप्त अंगों में डंडे घसोड़े जाते थे। 

उन्हें खाने के लिए सुबह केवल पतली खिचड़ी दी जाती थी और सारा दिन खाने के लिए कुछ भी नहीं दिया जाता था और केवल रात्रि में थोड़ी रोटी व दाल की जाती थी। परंतु नशा छुड़वाने के लिए वहां पर कोई भी दवा-दारू व डाक्टर नहीं था। युवकों की हालत बहुत ही दयनीय बनी हुई थी और भिन्न-भिन्न युवकों ने पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई जो रोंगटे खड़ी करने वाली थी। इस केंद्र में संचालकों ने लगभग 100 गायें, घोड़े, कुत्ते, बत्तखें आदि भी रखी हुई थीं। उन्होंने कहा कि लगभग डेढ़ लाख रुपये मूल्य का दूध रोजाना बेचा जाता था। इसके अतिरिक्त हर युवक से प्रतिमाह 20 हजार रुपये लिया जाता था जो कि लगभग 50 लाख रुपये महीना बनता है। 

इस केंद्र में युवकों पर निगाह रखने के लिए और संचालन चलाने के लिए लगभग दो दर्जन व्यक्ति रखे हुए थे। यह केंद्र पिछले लगभग 6 साल से कार्यरत था और इसे धार्मिक संस्था का नाम दिया गया था ताकि कोई भी व्यक्ति इस पर शक न कर सके और केंद्र में दाखिल होने की चेष्ठा न कर सके। केंद्र संचालक खुशविन्द्र सिंह उर्फ काका कई जुर्मों में संलिप्त था और इसके दो साथी दिलबाग सिंह बागी एवं अमनदीप सिंह केयरटेकर के रूप में काम कर रहे थे। बताया कि उक्त केंद्र पर छापेमारी कर लगभग 250 युवकों को नशा केंद्र के संचालकों के चंगुल से छुड़वाया गया है। 

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