गैंगस्टर सुखा काहलवां की गैंग के 3 सदस्य गिरफ्तार, बड़ी वारदात की फिराक में थे आरोपी

punjabkesari.in Sunday, Feb 12, 2023 - 11:00 AM (IST)

जालंधर: देहात की क्राइम ब्रांच की पुलिस ने गैंगस्टर सुखा काहलवा की गैंग के 3 सदस्यों को हथियारों के साथ गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। यदि समय रहते पुलिस उनको काबू न करती तो तीनों बैक डकैती या फिर ए.टी.एम. लूटने की फिराक में थे। एस.एस.पी. देहाती र्स्वणदीप सिंह व एस.पी. (डी) सर्बजीत सिंह बाहियां के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच के इंचार्ज पुष्पवाली की टीम को सूचना मिली की गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी निज्जर पुत्र जसबीर सिंह निवासी जयरामपुर जिला कपूरथला अपने साथी तलजिंदर सिंह उर्फ मेहर लखन पुत्र यशपाल सिंह निवासी गांव लखनकलां, जिला कपूरथला, सुखपाल सिंह उर्फ मंगा पुत्र दर्शन सिंह निवासी गांव पत्थर खुर्द जालंधर ने मिलकर गैंग बना रखा है और इनके पास अ‌वैध हथियार भी हैं। उक्त लोगों के खिलाफ पहले भी कई आपराधिक केस दर्ज हैं।

इंचार्ज पुष्पवाली ने बताया कि सूचना मिली कि गुरप्रीत सिंह, तलजिंदर सिंह तथा सुखपाल सिंह करतारपुर-कपूरथला रोड पर स्थित एक बैंक में बने ए.टी.एम को लूटने तथा डाका मारने की फिराक में है। इनके साथी विक्की व नली गाड़ी को लेकर आना है तथा वह इनकी प्रतीक्षा कर रहे है। उक्त आरोपियों ने विदेश में बैठे सुखवीर सिंह उर्फ सोखी पुत्र लखवीर सिंह निवासी पत्थर खुर्द हाल यू.एस.ए की तरफ से दलजीत सिंह पुत्र बलविंदर सिंह निवासी पत्थर खुर्द पर हमला करने की सुपारी ली हुई थी। 

पुलिस ने मामले की गंभीरता को लेकर हुए तुरंत थाना करतारपुर में केस दर्ज किया। इंचार्ज पुष्पवाली ने बताया कि पुलिस ने गैंग के मैबर गुरप्रीत, तलजिंदर तथा सुखपाल को काबू किया तथा इनके पास से 1 देसी पिस्तौल 32 बोर, 2 जिंदा कारतूस तथा 2 दातर भी बरामद किए। पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी गोपी निज्जर सुखा काहलवां का बहुत नजीदीकी था और उसकी हत्या का चश्मदीद गवाह भी था। इसके खिलाफ पहले भी कई केस दर्ज हैं, सुखा काहलवां की मौत के बाद से यही गैंग को चलाता था। इसके साथ फेसबुक में सुखा काहलवां की फोटो भी अपलोड कर दहशत फैलाने का काम करता था। पुलिस ने सभी आरोपियों को अदालत में पेश करके इनका पुलिस रिमांड हासिल करेगी।

चचेरे भाई की हत्या करने के लिए 2 लाख में हुआ था सौदा तय : एस.एस.पी. र्स्वणदीप सिंह

इस मामले में एस.एस.पी. स्वर्णदीप सिंह का कहना है कि पुलिस ने मामले को ट्रेस करने के लिए हर एंगल से गहराई तक जांच की। पूरे मामले की वह समय-समय पर रिपोर्ट लेते रहे। पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि तलजिंदर सिंह का दोस्त सुखबीर सिंह जोकि यू.एस.ए. में रहता है, उसके साथ दोस्ती थी। सुखबीर सिंह का अपने चचेरे भाई दलजीत सिंह निवासी पत्थर खुर्द के साथ पारिवारिक झगड़ चल रहा है। इसी के चलते रंजिश निकालने के लिए सुखबीर सिंह ने तलजिंदर को सुपारी दी और सौदा 2 लाख में हुआ। एडवास 40 हजार तलजिंदर को मिले और बाकी दलजीत पर हमला होने के दौरान बनने वाली वीडियो देने के उपरांत बाकी पैसे देने थे।

तलजिंदर ने सुखा काहलवां की गैंग के गोपी को आगे सुपारी दी। दलजीत सिंह की हत्या करने से पहले रैकी करने का काम सुखपाल को करना था और बदले में उसके अकाऊट में 25 हजार रुपए डाले जाने थे। सुखपाल ने रेकी करके जानकारी भी गोपी को दी कि दलजीत सिंह सुबह करीब 9 बजे दूध लेने जाता है। निर्धारित योजना के तहत गोपी, तलजिंदर, विक्की, नली ने मिलकर दलजीत की हत्या करनी थी। एस.एस.पी स्वर्णदीप सिंह ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनकी टीम ने हत्या होने से पहले ही केस को ट्रेस कर आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है।

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News Editor

Urmila