बड़े अरमान से लाखों खर्च कर अमेरिका भेजे बेटे, अब इस हालत में वापस लौटे घर तो...
punjabkesari.in Monday, Feb 17, 2025 - 04:28 PM (IST)

मुकेरियां (नागला) : ट्रंप सरकार द्वारा दूसरे जहाज में डिपोर्ट किए गए 116 भारतीयों में मुकेरियां के विभिन्न गांवों के 3 युवक शामिल हैं। युवकों को आज मुकेरियां पुलिस स्टेशन में मुकेरियां पुलिस ने उनके परिजनों को सौंप दिया। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए रणवीर सिंह (25) पुत्र वीर सिंह निवासी महुउद्दीनपुर गाजी (लंडे) के परिजनों ने बताया कि उनके बेटे को 40 लाख रुपये देकर अमेरिका भेजा गया था। घर पर गमगीन माहौल के चलते रणवीर के मामा कुलदीप सिंह ने बताया कि सरकार ने कोरोना का बहाना बनाकर भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा का परिणाम रद्द कर दिया है, जबकि उनका बेटा शारीरिक रूप से स्वस्थ था। जिसके कारण उनका बेटा चाहकर भी सेना में भर्ती नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि अगर सरकारें रोजगार मुहैया कराती हैं तो युवाओं को बाहर जाकर धक्के खाने की क्या जरूरत है?
इसी तरह तरुण सिंह (19) पुत्र केवल सिंह निवासी लोहगढ़ हाल निवासी मोहला टिकोवाल पुरानी तहसील की माता सुधा ने कहा कि बच्चा सुरक्षित घर पहुंच गया, यही हमारे लिए काफी है। उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि बच्चे को बाहर भेजने में कितना खर्च आया। उन्होंने कहा कि हम बच्चों के लिए ही कमाते हैं, अगर बच्चे के भाग्य में यही सब है तो हमें इससे खुशी है।
इसी तरह, हरदीप सिंह (31) पुत्र भुला सिंह निवासी कलेरां के परिजनों ने बताया कि उनके बेटे को 42 लाख रुपए लेकर अमेरिका भेजा गया था। इस संबंध में आम आदमी पार्टी के हलका इंचार्ज प्रोफेसर जीएस मुल्तानी और शिरोमणि अकाली दल के हलका इंचार्ज सरबजोत सिंह साबी ने युवाओं को कलाइयों और पैरों में बेड़ियां और हथकड़ी पहनाकर वापस भेजने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार चाहती तो युवाओं के साथ ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार नहीं होता।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here