बॉर्डर रेंज में रैड अलर्ट के कारण 300 किलोमीटर की सीमाएं सील

punjabkesari.in Thursday, Aug 22, 2019 - 08:15 AM (IST)

अमृतसर(इन्द्रजीत): जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए निरस्त करने के उपरांत परिस्थितियों से निपटने के लिए बार्डर रेंज में रैड अलर्ट के कारण 5 पुलिस जिलों की 300 किलोमीटर की सीमाएं सील कर दी गई हैं। इसमें व्यवस्था को और अधिक पुख्ता बनाने के लिए एक लाख से अधिक डैपो फील्ड में सतर्क कर दिए हैं। इस संबंध में आई.जी. बॉर्डर रेंज सुरिंद्रपाल सिंह परमार ने बताया कि तरनतारन, अमृतसर देहाती, बटाला, गुरदासपुर और पठानकोट जिले आते हैं जहां रैड अलर्ट जारी किया गया है।

रैड अलर्ट में बढ़ती है पुलिस की सक्रियता
सामान्य अलर्ट में आने-जाने वाले वाहनों की चैकिंग, बाहर के प्रदेशों के साथ इंटर-डिस्ट्रिक्ट चैकिंग, सामान्य तौर पर भीड़ अथवा अधिक लोगों को इकट्ठे न होने देना इत्यादि शामिल होता है। वहीं हाई अलर्ट में संबंधित क्षेत्रों के होटल, रैस्टोरैंट, बार व अन्य स्थानों को चैक किया जाता है, जहां पर किसी छुपने के ठिकाने बने हों। इसमें पुलिस की सक्रियता काफी अधिक होती है। इसके उपरांत हाई अलर्ट में पुलिस के पास सर्वाधिक शक्तियां होती हैं और किसी भी प्रकार की चैकिंग चाहे किसी घर की हो अथवा किसी वी.आई.पी. इमारत की, इसमें रेलवे स्टेशन, रेलवे लाइन, बस स्टैंड इत्यादि सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस का जाल बिछा दिया जाता है। यहां तक कि इसमें व्यक्ति की पर्सनल चैकिंग करने के भी पुलिस को अधिकार होते हैं और अतिरिक्त सुरक्षा बल भी मंगवाए जा सकते हैं।

1 लाख से अधिक डैपो बॉर्डर रेंज में कर रहे हैं काम
व्यवस्था को और अधिक पुख्ता बनाने के लिए बॉर्डर रेंज पुलिस द्वारा अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में आते 5 जिलों से 1,05,694 डैपो नियुक्त किए गए हैं। पुलिस द्वारा बनाए गए ड्रग एब्यूज प्रीवैंशन ऑफिशियल्स (डैपो) में समाज के सक्रिय लोग, जिनमें डाक्टर, वकील, समाज सेवक, किसान, रिटायर्ड सेना व पुलिस अधिकारी एवं समाज के प्रशिक्षित लोग होते हैं जो कानून और व्यवस्था की अहमियत को अच्छी तरह से समझते हैं। नियुक्त किए गए डैपो जिलों के एस.एस.पी. की सीधी पहुंच और निगरानी में होते हैं। 

आई.जी. बॉर्डर रेंज सुरेंद्रपाल सिंह परमार ने बताया कि इस समय सभी डैपो पांचों जिलों के एस.एस.पी. के साथ पूरी तरह से अपना काम कर रहे हैं, इनमें अमृतसर देहाती में 40,795 (एस.एस.पी. विक्रमजीत दुग्गल), तरनतारन पुलिस जिले में 25,012 (एस.एस.पी. ध्रुव दहिया), बटाला पुलिस जिले में 14,300 (एस.एस.पी. उपेंद्रजीत सिंह घुम्मन), पठानकोट पुलिस जिले में 12,443 (एस.एस.पी. दीपक हिलोरी) और गुरदासपुर जिले में 13,144 डैपो (एस.एस.पी. स्वर्णदीप सिंह) सक्रिय हैं। इन डैपो की नियुक्ति भी बॉर्डर रेंज पुलिस ने ही की है।  वर्णनयोग्य है कि सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र मजीठा पुलिस जिला में डैपो को सक्रिय करने में तत्कालीन एस.एस.पी. परमपाल सिंह की प्रमुख भूमिका थी, जिसके कारण इन क्षेत्रों में पुलिस को अपराधियों का गढ़ तोडऩे में काफी मदद मिली थी।

दूसरे प्रदेशों से आने-जाने वाली बसों की चैकिंग
सीमा रेंज पुलिस पंजाब के साथ लगती 2 प्रदेशों की सीमाओं से आने वाले वाहनों के साथ-साथ विशेष तौर पर सरकारी और प्राइवेट बसों में आने-जाने वाले माल की चैकिंग भी करेगी। क्योंकि पंजाब से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल की ओर बड़ी संख्या में लोग ट्रांसपोर्टरों के अतिरिक्त बसों के माध्यम से भी माल भेजते हैं। 
हालांकि बसों इत्यादि में माल चैक करने के लिए टैक्सेशन विभाग ही अधिक सक्रिय होता है लेकिन आपत्तिजनक चीजों की टोह लेने के लिए पंजाब पुलिस सीधा हस्तक्षेप करेगी ताकि इन क्षेत्रों में आने-जाने वाले माल के साथ कोई आपत्तिजनक वस्तु एवं हथियार पंजाब में प्रवेश न हो।


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