4 नाके खुले, श्री हरिमंदिर साहिब में संगत की संख्या रही कम

punjabkesari.in Wednesday, Jun 17, 2020 - 01:33 PM (IST)

अमृतसर(अनजान): श्री हरिमंदिर साहिब में स्थित गुरुद्वारा श्री गुरुतेग बहादुर साहिब (थड़ा साहिब) में कोरोना पर फतेह पाने के लिए सरबत के भले की अरदास हुई। श्री अखंड पाठ साहिब जी के भोग उपरांत रागी सिंह की तरफ से कीर्तन किया गया व अरदास उपरांत हुक्मनामा लिया गया व कड़ाह-प्रशादि की देग बरताई गई। ग्रंथी सिंह ने कहा कि सभी दुखों का दारुअकाल पुरुख वाहेगुरु का नाम है। जहां कोई दवा काम नहीं करती वहां दुआ काम आती है, इसलिए सरबत के भले की अरदास में ही हमारा सब का भला है।


श्री हरिमंदिर साहिब में हाजिरी आम जैसी ही रही
 चाहे कर्फ्यू व लॉकडाऊन खुलने के कारण श्री हरिमंदिर साहिब में संगत की आमद शुरू हो गई है। आज भी सच्चखंड साहिब में संगत की सख्या बहुत कम रही। पुलिस प्रशासन द्वारा हैरीटेज स्ट्रीट, जलियांवाला बाग, रामानन्द का बाग, शनि मंदिर, मोची बाजार आदि सभी नाके जो पक्के तौर पर सील किए गए थे, खोल दिए गए हैं, परन्तु फिर भी वहां से कुछ संगत ही श्री हरिमंदिर साहिब के दर्शन करने जाती देखी गई। संगत ने श्री हरिमंदिर साहिब दर्शन करने उपरांत इलाही बाणी के कीर्तन का आनंद माना। इसके अलावा जोड़ा घर, गुरुरामदास लंगर और फर्श के स्नान की सेवा की। घंटा घर के बाहर डाक्टरी टीम द्वारा संगत को थर्मो स्क्रीङ्क्षनग करके प्रवेशद्वार द्वारा दर्शनों के लिए अंदर जाने दिया गया।


गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में ज्ञानी जगतार सिंह ने की कथा
गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में अमृत समय पर के हुक्मनामो की कथा श्री हरिमंदिर साहिब के हैड ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी जगतार सिंह ने की। पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की सोरठि मोहल्ला 3 की बाणी की कथा करते सिंह साहिब ने संगत के साथ गुरमति विचार सांझे करते कहा कि हे हरी तूं अपने भक्तों की इज्जत सदा रखता आया है। प्रहलाद भक्त जैसे अनेकों सेवकों की तूंने इज्जत रखी है। हे हरी जो मानव गुरुके सम्मुख रहते हैं, उनको निश्चय होता है कि तू भक्तों की इज्जत बचाता है, परन्तु अपने मन के पीछे चलने वाले मानव भटकना में पड़कर गलत रास्ते पर पड़े रहते हैं।


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