20 मिनट में मौत से जंग हार गए 4 दोस्त, नहर में गिरते ही लॉक हो गई थी कार

punjabkesari.in Sunday, Mar 10, 2019 - 11:56 AM (IST)

लुधियाना(ऋषि): शुक्रवार रात 10.50 बजे सिधवां नहर क्रॉस करते समय ओवर स्पीड आई-20 कार पुल से टकरा बैरीकेड तोडकर पानी में जा घुसी। पानी में जाते ही कार के सैंसर बंद हो गए और वह लॉक हो गई। इस कारण बचाव टीम के घटनास्थल पर पहुंचने और कार को पानी से बाहर निकालने में लगे 20 मिनट से ज्यादा के समय के चलते चारों दोस्त फंसे रहे और सीट बैल्ट तक न खोल सके। इस दर्दनाक हादसे में दुगरी फेज-2 निवासी सरकारी ठेकेदार मनप्रीत जुनेजा के सिविल इंजीनियर बेटे भवनीत जुनेजा (24) और बेटी सान्या (21) तथा 2 दिन पहले लखनऊ से आईलैट्स का पेपर देने आए दोस्त दवेश और माडल टाऊन निवासी कशिश अरोड़ा (21) की मौत हो गई। थाना सराभा नगर की पुलिस ने भाई-बहन और उनके एक दोस्त का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों के हवाले कर दिया। देर शाम दोनों परिवारों ने बच्चों का अंतिम संस्कार किया तथा परिजनों के आने के बाद दवेश के शव का पोस्टमार्टम किया गया।

थाना सराभा नगर के एस.एच.ओ. एस.आई. कुलवीर सिंह के अनुसार अब तक की जांच में सामने आया है कि चारों दोस्त देर रात वेरका मिल्क प्लांट की तरफ से नगर निगम जोन-डी की तरफ जा रहे थे। कार कशिश अरोड़ा चला रहा था, जबकि सान्या आगे की सीट पर और दोनों दोस्त पीछे बैठे थे। पुलिस के अनुसार हादसा पास लगे स्मार्ट सिटी के कैमरे में कैद हो गया है। फुटेज में मौत का दृश्य साफ दिखाई दे रहा है।  

ओवरस्पीड ने बुझाए 2 घरों के चिराग 
ओवरस्पीड ने एक बार फिर 2 घरों के चिराग बुझा दिए। कशिश मां-बाप का इकलौता बेटा था और उसकी बहन शादीशुदा है, जबकि भवनीत भी मां-बाप के बुढ़ापे का सहारा था। हादसे के बाद दोनों परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। अगर कार ओवरस्पीड न होती तो बैरीकेड से टकराने के बाद रुक सकती थी।

 

मृतकों को आती थी तैराकी
मोहल्ले के लोगों ने बताया कि दोनों भाई बहनों सहित चारों को तैराकी आती थी। भवनीत पुणे से सिविल इंजीनियरिंग कर लौटकर अपने पिता के साथ काम कर रहा था, जबकि सान्या गुडगांव से फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई पूरी कर आई थी। लखनऊ का रहने वाला दवेश उसके साथ पहले पढ़ चुका था।

लोधी क्लब जाने की बात कहकर गए थे भाई-बहन
पुलिस के अनुसार शुक्रवार को मनप्रीत जुनेता अपनी पत्नी के साथ रोटरी क्लब में गए थे, जबकि दोनों भाई-बहन घर पर लखनऊ से आए अपने दोस्त के साथ थे और लोधी क्लब जाने की बात कहकर गए थे। भवनीत अपनी कार में और सान्या अपनी कार में थी, तभी चौथे दोस्त से सम्पर्क साधने के बाद चारों एक कार में घूमने चले गए। पुलिस के अनुसार भवनीत की कार परिजनों को मिल चुकी है व सान्या की कार का पता लगाया जा रहा है। कशिश अरोड़ा पी.सी.टी.ई का बी.बी.ए. छात्र था और उसके पिता सुरेश अरोड़ा ठेकेदार हैं। 

बैरीकेड भी नहीं रोक सके मौत
प्रशासन की तरफ से हादसों को रोकने के लिए बैरीकेड लगाए गए थे, ताकि तंग पुल के ऊपर से गुजरते समय कोई हादसा न हो लेकिन इन सभी बच्चों की मौत को बैरीकेड भी नहीं रोक पाए। परिजनों के अनुसार हादसे से 10 मिनट पहले ही सान्या ने मां से फोन पर बात की थी और जल्द घर आने की बात कही थी। 

ऑनलाइन फूड कंपनी के डिलीवरी मैन ने किया पुलिस हैल्पलाइन पर फोन
बी.आर.एस. नगर निवासी सर्बजीत सिंह ने बताया कि वह ऑनलाइन फूड कंपनी में डिलीवरी मैन का काम करता है। हादसे के समय अपने स्कूटर पर वहां से गुजर रहा था, उसकी आंखों के सामने हादसा हुआ। उसने शोर मचाया और लोगों को इक्ट्ठा किया। इसी दौरान राहगीरों ने पानी में कपड़े भी फैंके ताकि बच्चे पकड़कर बाहर निकल सकें लेकिन कार उलटी होने के कारण कामयाबी हाथ न लग सकी। उसने पहले पुलिस कंट्रोल रूम फिर एम्बुलैंस को फोन कर घटनास्थल पर बुलाया।  

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