सतलुज में पानी का स्तर बढ़ा, 4 गांवों की 900 एकड़ फसल डूबी

punjabkesari.in Monday, Jul 15, 2019 - 08:57 AM (IST)

मोगा(गोपी): हलका धर्मकोट में पड़ते सतलुज दरिया में एकदम बढ़े पानी के स्तर के कारण इसके बिल्कुल किनारे बसा गांव संघेड़ा पूरी तरह से पानी से घिर गया है, जबकि इसके साथ ही दरिया के पानी ने मदारपुरा, बोघेवाला व मेलक कंगा के किसानों की फसलों का भी बड़े स्तर पर नुक्सान किया है। 

दरिया पर बने धुस्सी बांध की मजबूती के लिए 1988 से अपनी आवाज उठा रहे इस क्षेत्र के लोगों की मांग का हल नहीं किया गया। ‘पंजाब केसरी’ द्वारा आज जब इस मामले में विशेष रिपोर्ट एकत्रित करने के लिए इस क्षेत्र का दौरा किया गया, तो गांवों के लोगों के चेहरों पर छाई मायूसी साफ दिखाई दे रही थी। गांव संघेड़ा के पूर्व सरपंच सरूप सिंह ने बताया कि गांव चारों तरफ से पानी से घिर गया है। गांव की कुल 700 में से 400 एकड़ फसल तबाह होने के अलावा गांव मदारपुरा की 200, बोगेवाला 200 तथा मेलक कंगा की लगभग 100 एकड़ फसल पानी में डूब गई है।दरिया किनारे रहने वाले बुजुर्ग चनन सिंह का कहना था कि 1988 में जब बाढ़ आई, तो इस क्षेत्र में फसलों के हुए 100 प्रतिशत नुक्सान के कारण आर्थिक मंदहाली में डूबे लोग अभी तक पैरों पर नहीं खड़े हो सके। बुजुर्ग बताते हैं कि हर वर्ष ही फसलों का 50 प्रतिशत से अधिक नुक्सान हो जाता है। फसल के पानी में डूबने उपरांत पशुओं को हरे चारे की बड़े स्तर पर कमी महसूस होने लगी है। 

नहीं पहुंचा कोई अधिकारी 
आज पूरा दिन सतलुज दरिया में पानी का स्तर बढऩे के कारण डूबी फसलों से चिंतित दरिया किनारे बसे लोगों की सुध लेने के लिए शाम तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा, जिस कारण लोगों में गुस्से की लहर पाई जा रही थी। डी.सी. संदीप हंस ने कहा कि मामले की तुरंत तौर पर जांच एस.डी.एम. धर्मकोट द्वारा की जाएगी।

खड्ड में आए पानी के तेज बहाव में बहा पुल
श्री कीरतपुर साहिब (बाली): चंगर क्षेत्र के गांव बलोली और गांव रायपुर साहनी को जाती लिंक मार्ग के बीच खड्ड (चोआ) पर गांव बलोली के लोगों द्वारा बनाया काजवे (पुल) पिछले दिनों हुई भारी वर्षा के कारण खड्ड में आए पानी के तेज बहाव में बह गया। इसके चलते उक्त रास्ता यातायात के लिए पूरी तरह से ठप्प हो गया है।गांव बलोली के सरपंच प्रेम चंद, गुरपाल सिंह, सुरेन्द्र सिंह, दिलबाग सिंह, पंच ओमप्रकाश, ज्ञान सिंह, सर्वजीत सिंह, गुरदेव सिंह आदि ने बताया कि उनके द्वारा 3 वर्ष पहले 11 लाख रुपए एकत्रित कर और मनरेगा स्कीम अधीन करीब 8 लाख रुपए कुल 19 लाख रुपए की लागत से गांव बलोली से गांव रायपुर साहनी को मार्ग पर काजवे बनाया गया था। उनके गांव सहित चंगर क्षेत्र के 10 गांवों के लोग इस रास्ते से गांव रायपुर सानी से श्री कीरतपुर साहिब और श्री आनंदपुर साहिब को जाते व वापस आते थे। इस रास्ते द्वारा श्री कीरतपुर साहिब सिर्फ 5 किलोमीटर पड़ता था जबकि वाया कोटला व मस्सेवाल द्वारा घूम कर आने से 12 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ता था। गांव वासियों ने सरकार व प्रशासन से मांग की कि उक्त काजवे को जल्द से जल्द बनाया जाए।

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