कूड़े के ढेरों से जूझ रहे देश के 4100 शहर

punjabkesari.in Saturday, Feb 08, 2020 - 01:08 PM (IST)

लुधियाना(धीमान): नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने कहा कि देश में सॉलिड वेस्ट के प्रबंधन की हालत इतनी बुरी है कि देश के 4100 शहर कूड़े के ढेरों से जूझ रहे हैं। यह कूड़ा न सिर्फ भूमि की उपजाऊ क्षमता को प्रभावित कर रहा है बल्कि नदियों को भी प्रदूषित कर रहा है। इस कूड़े के कारण ही बदबू और बीमारियां भी फैल रही हैं।

इसे सरकार अकेले नियंत्रित नहीं कर सकती। हम सब को मिल कर इस पर काम करना होगा। देश में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से लुधियाना के पंजाब खेतीबाड़ी विश्वविद्यालय में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से करवाई गई वर्कशाप में जस्टिस गोयल ने कहा कि प्रदूषण को लेकर बनी संसदीय कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक देश में पैदा होने वाले कुल सॉलिड वेस्ट का करीब 25 फीसदी कूड़ा ही ट्रीट हो रहा है जबकि 75 फीसदी कूड़ा देश की सड़कों और अन्य स्थानों पर बिखरा पड़ा है। 

उन्होंने कहा कि सिर्फ सॉलिड वेस्ट की समस्या ही नहीं है बल्कि प्रदूषित हवा भी लोगों की सांस में जहर घोल रही है। देश के 122 शहरों की हवा इस समय प्रदूषित हो चुकी है जबकि 100 इंडस्ट्रीयल शहर भी प्रदूषित हैं यानी इन शहरों की हवा सांस लेने योग्य नहीं है। इसी संसदीय कमेटी की रिपोर्ट में पानी के प्रदूषण के भी खतरनाक आंकड़े सामने आए हैं। देश में प्रदूषित होने वाले कुल पानी का सिर्फ 37 फीसदी पानी ही ट्रीट करने की व्यवस्था है और यह प्लांट भी पूरी तरह से ऑप्रेशनल नहीं होने के कारण देश का कुल करीब 73 फीसदी प्रदूषित पानी नदियों में जा रहा है जिससे देश की 351 नदियां प्रदूषित हो चुकी हैं। इन्हीं नदियों के पानी को हम खेती के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं और खेतों में पैदा होने वाले खाद्य उत्पाद बीमारियों का कारण बन रहे हैं। पर्यावरण पर वर्कशॉप में भाग लेने से पूर्व आदर्श कुमार गोयल ने कैलाश नगर का दौरा किया। स्थानीय निवासियों ने सड़कों पर लगे कूड़े के ढेरों के कारण हो रही परेशानी के बारे में उन्हें बताया। जस्टिस गोयल ने नगर निगम और लोगों को साथ मिल कर कूड़े के ढेरों से निजात दिलाने की ताकीद की। वर्कशॉप के दौरान लुधियाना में लगाए गए इलैक्ट्रोप्लेटिंग इंडस्ट्री के सी.ई. टी.पी. की भी प्रशंसा की गई। 

पर्यावरण के प्रदूषण की समस्या को मिल कर हल करना होगा: मरवाहा
इस वर्कशाप की शुरुआत पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन एस.एस. मरवाहा के स्वागती भाषण के साथ हुई। उन्होंने वर्कशाप में शामिल होने आए वक्ताओं का स्वागत करने के साथ-साथ पर्यावरण प्रदूषण के चलते पंजाब के सामने पेश चुनौतियों का ब्यौरा दिया और साथ ही पिछले कुछ वर्षों में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा प्रदूषण के नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रदूषण की समस्या लगातार गंभीर रूप धारण कर रही है और हमें अब इस मामले में मिल कर काम करना होगा। शहरों में बढ़ रहे प्रदूषण को काबू करने के लिए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों के आपसी तालमेल के साथ-साथ जनता का सहयोग जरूरी है क्योंकि जनता को जागरूक किए बिना यह लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता।

31 मार्च के बाद लापरवाह अधिकारियों को 5 लाख रुपए का एन्वायरनमैंट कंपनसेशन लगेगा : सीचेवाल

वर्कशॉप में भाग लेने आए पर्यावरणविद संत सीचेवाल ने कहा कि वह इस मामले में पिछले कई वर्षों से काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें खुशी है कि अब इस मामले में एन.जी.टी. के साथ-साथ प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड भी काफी अच्छी भूमिका निभा रहा है। एन.जी.टी. ने अब इस मामले में निगम अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की है और यह अच्छा कदम है। शहरों का सॉलिड वेस्ट यदि सही तरीके से ट्रीट नहीं होता तो 31 मार्च के बाद लापरवाह अधिकारियों की सॢवस बुक में इसे लापरवाही मानने के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों को 5 लाख रुपए का एन्वायरनमैंट कंपनसेशन भी लगेगा और अगले वर्ष में यह कंपनसेशन 10 लाख हो जाएगा। इसी प्रकार नदियों में प्रदूषित पानी फैंकने के मामले में भी निगम अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है, यह अच्छा कदम है। उन्होंने कहा कि इस तरह की वर्कशाप्स में लोगों को विचार सुन कर पर्यावरण सुधार के नए-नए तरीके पता चलते हैं और ऐसी वर्कशॉप्स होती रहनी चाहिएं।  


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