BJP में बड़ी जिम्मेदारी मिलने पर सुनिल जाखड़ से 5 बड़े सवाल, पढ़ें..

punjabkesari.in Wednesday, Jul 05, 2023 - 02:32 PM (IST)

पंजाब डेस्क: कांग्रेस से भाजपा में आने के एक साल बाद ही सुनील जाखड़ को पंजाब का प्रधान बना दिया गया है। बेदाग छवि और हर मुद्दे पर बेहतर पकड़ रखने वाले तेजतर्रार वक्ता माने जाते जाखड़ को भाजपा में अचानक संगठन की इतनी बड़ी जिम्मेदारी ऐसे ही नहीं सौंपी गई। इसके पीछे उनका राजनीतिक कद और किरदार अहम रहा है। जाखड़ के पंजाब भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद पंजाब केसरी के हरिश्चंद्र ने उनसे खास बातचीत की। पेश हैं उस बातचीत के प्रमुख अंश...

भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी, जो 9 साल से केंद्र की सत्ता में हो, उसके प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलना निश्चय ही सम्मान की बात है। क्या इसका कोई दबाव भी रहेगा?
जवाब-राजनीति में दबाव कोई नई बात नहीं और एक समय के बाद ऐसा दबाव मायने नहीं रखता। मुझ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने भरोसा जताया है। देश की एकता, अखंडता के लिए काम करने वाली राष्ट्रवादी भाजपा का पंजाब प्रधान बनना मेरे लिए निजी तौर पर बड़े गर्व की बात है। पार्टी नेतृत्व ने तो मुझ पर भरोसा जताया है, अब मुझे पंजाब की जनता में भरोसा जगाना है कि उनकी आवाज उठाने वाला, उनकी बाजू पकडऩे वाला भी कोई है। सूबे की विधानसभा में जो विपक्षी दल है, वो तो सत्ता के आगे घुटने टेक चुका है। अब भाजपा विपक्ष की आवाज बनेगी।

पंजाब में भाजपा के नजरिए से आपकी प्राथमिकता क्या रहेगी?
जवाब-मेरा काम पंजाब और पंजाबियत की बेहतरी के लिए काम करना है। मैं किसी भी दल में रहा, मेरी राजनीति का फोकस स्पष्ट है कि अपने पंजाब को कैसे बेहतर बनाया जाए और यहां भाईचारे को कैसे कायम रखने में अपनी भूमिका अदा कर सकूं। संगठन को अपने सभी साथियों  को साथ लेकर और मजबूत बनाकर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना मेरी प्राथमिकता रहेगी।

क्या भाजपा गांवों में पकड़ बनाने में कुछ कामयाब हुई है? किसानों की नाराजगी दूर हुई या नहीं?
जवाब
-मैंने पिछले 1 साल में भाजपा को जितना नजदीक से देखा है, उसके आधार पर कह सकता हूं कि मेरी पार्टी पंजाब के हर गांव में बूथ स्तर तक पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री और केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियों की चर्चा गांव की चौपाल पर देखने को मिलती है। रही बात किसानों की नाराजगी की, तो जिन कानूनों को लेकर किसान थोड़ा नाराज थे, वह प्रधानमंत्री मोदी ने वापस ले लिए। जब मुद्दा ही नहीं बचा तो नाराजगी भी मुद्दे के साथ खत्म हो गई।

आपके अकाली नेताओं के साथ भी बढिय़ा संबंध रहे हैं। क्या अकाली दल के साथ दोबारा गठबंधन में आप कोई पहल करेंगे?
जवाब- प्रदेश प्रधान होने के नाते मेरा काम अपनी पार्टी को मजबूत बनाना है। मेरे हर कार्यकत्र्ता का मान-सम्मान हो, मुझे यह देखना है। जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार की जवाबदेही तय करना और लोगों से सीधा संपर्क भी मेरे काम का हिस्सा है। बतौर प्रधान आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मैं सभी 13 लोकसभा हलकों में पार्टी की चुनाव लडऩे की तैयारियां पूरी करना चाहता हूं। जहां तक गठबंधन की बात है, फिलहाल तो ऐसी बात किसी स्तर पर नहीं आई। गठबंधन का फैसला पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने करना है। हमारे यहां सारे फैसले सामूहिक रूप से शीर्ष नेतृत्व करता है।


कांग्रेस के कई पूर्व मंत्रियों को भाजपा में शामिल कराने में आपका खास रोल रहा था, क्या आगे भी कुछ और कांग्रेसी भाजपा में शामिल होने वाले हैं?
जवाब- कई अच्छे नेता केवल कांग्रेस ही नहीं, अन्य दलों में भी हैं। जिसको भी भाजपा का एजैंडा सही लगता है, जो भी राष्ट्रवाद का समर्थन करता है, उसके लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा खुले हैं। हालांकि विरोधी दलों के कई नेता संपर्क में हैं, मगर उनका अतीत और राजनीतिक पकड़ देखकर ही उन्हें भाजपा में लाने बारे विचार किया जाएगा। आप देखना, लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस के पास शायद ही कोई मौजूदा सांसद हो, जो उसकी टिकट पर चुनाव लड़े। मैं लंबे अरसे से राजनीतिक जीवन में हूं, भाजपा के लोग भी मुझे जानते हैं। अब तो मुझे भी भाजपा में साल से ज्यादा हो चुका है। मैं उनकी कई बैठकों, रैलियों में शामिल हो चुका हूं। तालमेल तो पहले से ही बन चुका है। बस, अब साथ मिलकर काम करने की जिम्मेदारी मिली है। मैं नाम को ही प्रधान हूं, मेरे लिए पार्टी का हर कार्यकत्र्ता प्रधान है।


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Content Writer

Vatika

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