अधिकारियों की गलती के कारण 5 एन.आर.आई. भी हो सकते है कोरोना का शिकार

punjabkesari.in Wednesday, Mar 25, 2020 - 01:03 PM (IST)

फिल्लौर: स्थानीय सिविल अस्पताल के जिस वार्ड में इन 3 कोरोना वायरस संदिग्ध मरीजों के साथ 5 एन.आर. आईज को निगरानी में रखा गया था। यह सभी 8 मरीज सिर्फ एक मास्क लगा कर बैठे हुए थे, जो लगातार 6 दिन से एक-दूसरे के साथ घुल मिलकर बातचीत कर रहे थे। जैसे ही प्रशासन को पता लगा कि 3 मरीजों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है तो इनके साथ बैठे एन.आर.आईज को भी अब अलग कर दिया गया है।

अब अधिकारियों को लग रहा है कि हो न हो उन 5 में से भी कोई न कोई इस वायरस का शिकार हो चुका होगा। वार्ड में खड़े होकर मरीजों की सूची बनाने वाले थाना प्रमुख को भी भेजा आइसोलेशन में 3 संदिग्धों की रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद सरकारी विभाग के बड़े आधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई है। पहले सिविल अस्पताल के आधे से ज्यादा डाक्टरों को विभाग ने 14 दिन के लिए आईसोलेट पर भेज दिया।

जैसे ही स्वास्थ्य विभाग के आधिकारियों ने अस्पताल में लगे सी. सी. टी. वी. कैमरों की जांच की तो पता लगा कि थाना प्रमुख बख्शीश सिंह अपने दो गनमैनों के साथ मरीजों के वार्ड में खड़े होकर उनकी सूची तैयार कर रहे हैं तो उनको भी तुरंत 14 दिनों के लिए आईसोलेशन में भेज दिया गया। बख्शीश सिंह की जगह अब फिल्लौर थाने का प्रभार सब -इंस्पेक्टर गुरबिन्दर सिंह को दे दिया गया है।

स्टाफ को भी भेजा आइसोलेशन में वहीं एस. एम. ओ. सहित अस्पताल के डाक्टर और स्टाफ नर्सों से भी इलाज के दौरान लापरवाही हो गई। इसके चलते विभाग के आधिकारियों ने एम. एम. ओ. सहित 3 डाक्टरों और अस्पताल की 3 स्टाफ नर्सों और 3 सफाई कर्मचारियों को भी 14 दिन के लिए आईसोलेट कर दिया है। यह तीनों सफाई कर्मचारी बिना सुरक्षा यंत्र के उन मरीजों के कमरों में जाकर पिछले 6 दिनों से सफाई कर रहे थे। एस.एम. ओ. डाक्टर जतिन्दर की जगह नए एस.एम.ओ. की सरकार की तरफ से नियुक्ति कर दी गई है, जिनको बरनाला से फिल्लौर लाया गया है।

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