8 घंटे दरिया में फंसे रहे पिकनिक मनाने आए 5 युवक

punjabkesari.in Monday, May 13, 2019 - 08:52 AM (IST)

पठानकोट/जुगियाल (पंकेस): माधोपुर के निकट गांव सिधौड़ी के पास रावी दरिया में पिकनिक मनाने आए 5 युवक रावी दरिया में 8 घंटे फंसे रहने के बाद एक ग्रामीण की सहायता से उन्हें सही सलामत वापस बाहर निकाल लिया गया।

जानकारी अनुसार माधोपुर के निकट गांव सिधौड़ी के पास रावी दरिया में गुरदासपुर निवासी गुरिन्द्र सिंह, राजन, हरदीप सिंह, गुरप्रीत सिंह तथा मीनू पिकनिक मनाने हेतु आए हुए थे और वह रावी दरिया में नहाने लगे, अचानक दरिया में पानी अधिक आने के कारण यह युवक बीच दरिया में ही फंस गए। शाम को जब कुछ लोगों को इनके फंसने का पता चला तो उन्होंने प्रशासन को सूचित किया। घटना की सूचना मिलते ही एस.डी.एम अर्शदीप सिंह, एस.एच.ओ सुजानपुर दलविन्द्र शर्मा, थाना शाहपुरकंडी इंस्पैक्टर बलजीत कौर पुलिस पार्टी तथा सेना के जवान भी घटनास्थल पर पहुंच गए, लेकिन युवकों को दरिया से निकालना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा था।

पुलिस प्रशासन द्वारा लगभग शाम 7 बजे के करीब रणजीत सागर डैम से पानी को पूर्ण रूप से बंद करवाया गया, परंतु रणजीत सागर डैम से पानी बंद करने के पश्चात भी दरिया में पानी का स्तर कम होने में लगभग 2 से 3 घंटे का समय लग गया, और रात्रि अधिक होने के कारण एस.डी.एम. अर्शदीप सिंह द्वारा सेना के साथ भी सम्पर्क साध लिया और जब सेना के जवान मौके पर पहुंचे तब तक पानी का स्तर कम हो गया।

रात्रि 11 बजे के करीब तभी वहां पर एक ग्रामीण काला निवासी गांव जैनी जो कि दरिया के रास्तों का जानकार था, उसने अपनी जान की परवाह किए बगैर उबड़ खाबड़ रास्ते में से कम पानी वाली जगह को पार कर उक्त पांचों युवकों को सही सलामत बाहर लेकर आया जिस पर एस.डी.एम अर्शदीप सिंह द्वारा ग्रामीण काला की प्रशंसा की तथा कहा कि काला का नाम स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित करने के लिए प्रशासन को भेजने की सिफारिश की जाएगी। उल्लेखनीय है कि गर्मियों का मौसम होने के कारण नदियों एवं नहरों में नहाने व पिकनिक मनाने हेतु अक्सर चले जाते हैं, परंतु उन्हें इस बात का जरा भी आभास नहीं होता कि यदि वे गहरे पानी में फंस जाएं तो उनकी जान पर भी बन आ सकती हैं, परंतु इसकी ङ्क्षचता किए बगैर वे बिना कुछ सोचे समझे अपनी जान जोखिम में डालकर खतरा मोल ले लेते हैं, जिसका परिणाम उन्हें गंभीर समस्या में फंसकर भुगतना पड़ता है। 

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