550वां प्रकाश पर्व : विद्यार्थियों ने गुरुबाणी कीर्तन से संगत को किया निहाल

punjabkesari.in Tuesday, Nov 05, 2019 - 08:39 AM (IST)

सुल्तानपुर लोधी(दीपक) : श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से सुल्तानपुर लोधी में चल रहे विशेष समागमों के चौथे दिन सोमवार को पंजाब भर से पहुंचे अकाल एकैडमियों, चीफ खालसा दीवान और अन्य संस्थाओं के विद्यार्थियों ने अलग-अलग धार्मिक मुकाबलों में हिस्सा लिया। गुरुद्वारा श्री बेर साहिब के भाई मरदाना जी दीवान हाल में हुए समागम में विद्याॢथयों ने गुरबाणी कीर्तन, गुरबाणी कंठ, कविता, भाषण, ढाडी वारों और काव्य पाठ से संगत को निहाल किया। वहीं इस दौरान अकाल एकैडमी बड़ू साहिब की अलग-अलग शाखाओं और चीफ खालसा दीवान के श्री गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा तंती साज के साथ किया गया कीर्तन आकर्षण का केंद्र रहा। 


इन विद्यार्थियों, स्कूल प्रबंधकों और गुरमति का प्रशिक्षण देने वाले अध्यापकों को पूर्व प्रधान जागीर कौर, हजूरी रागी भाई रवीन्द्र सिंह, मैंबर जत्थेदार जरनैल सिंह डोगरांवाला, जत्थेदार अमरीक सिंह कोटशमीर, जत्थेदार अवतार सिंह वणवाला, जत्थेदार तेजा सिंह कमालपुर और गुरुद्वारा श्री बेर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी सुरजीत सिंह ने यादगारी चिन्ह और सिरोपा देकर सम्मानित किया। इस मौके पर जागीर कौर ने कहा कि आज हमें 550वें प्रकाश पर्व को मनाते हुए अपने बच्चों को भी सिखी विरसे और गुरमति से जोडऩा चाहिए जिससे वे आदर्श नागरिक बनें। वहीं हजूरी रागी भाई रवीन्द्र सिंह ने कहा कि हर सिख को अपने बच्चों को कीर्तन जरूर सिखाना चाहिए। यहां पर शिरोमणि कमेटी मैंबर स्वर्ण सिंह कुलार, बीबी गुरप्रीत कौर रूही, धर्म प्रचार कमेटी सचिव महेन्द्र सिंह आहली, अतिरिक्त सचिव प्रताप सिंह, उप-सचिव सिमरजीत सिंह, हरजीत सिंह लालूघुम्मण, सुलक्खन सिंह बंगाली, मैनेजर सतनाम सिंह रियाड़ आदि उपस्थित थे। 

गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में कथा कीर्तन
आज भी देश-विदेश से लाखों संगत सुल्तानपुर लोधी पहुंची और गुरुद्वारा श्री बेर साहिब और अन्य गुरुद्वारों में माथा टेका तथा पवित्र सरोवर में स्नान किया। आज के समागमों की शुरूआत प्रात:काल श्री हरिमंदिर साहिब के हजूरी रागी भाई सतनाम सिंह कोहाड़का की तरफ से आसां दी वार के कीर्तन से हुई। इसके बाद के दीवान में श्री हरिमंदिर साहिब के हजूरी रागी भाई संदीप सिंह और भाई तारबलबीर सिंह के रागी जत्थों ने गुरु साहिब की पवित्र बाणी का मनोहर कीर्तन किया। गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी हरपाल सिंह और ज्ञानी सर्बजीत सिंह लुधियाना वालों ने संगत से गुरशबद विचार सांझे किए। 

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