पंजाब में रोजाना पैदा हो रहा 550 किलो ''कोविड बायो मैडीकल वेस्ट''

punjabkesari.in Friday, May 01, 2020 - 07:57 PM (IST)

चंडीगढ़: कोरोनावायरस जैसी भयानक महामारी को फैलने से रोकने के साथ वायरस के साथ भरे बायो मैडीकल वेस्ट का निपटारा पंजाब सरकार के चुनौती बनता जा रहा है। कोरोना पीडितों के इलाज दौरान 20 मार्च से 26 अप्रैल तक 19,553 किलो बायो मैडीकल वेस्ट पैदा हुआ है, जो कि रोज़मर्रा की के हिसाब के साथ 550 किलो बनता है।

पंजाब में 269 के करीब आइसोलेशन सैंटर और वार्ड कोविड -19 पीडितों का इलाज करन में लगे हुए हैं। बायो मैडीकल वेस्ट में पी. पी. ई. किटों, मास्क, दस्ताने, ड्रैसिंग, बिस्तरे, ब्लड के थैले, सूइआं, सिरिंजें आदि शामिल हैं। सूबे में कोरोना केस जैसे-जैसे बढ़ रहे हैं, बायो मैडीकल वेस्ट में भी बढ़ता जा रहा है। पंजाब का 78 प्रतिशत ख़तरनाक बायो मैडीकल वेस्ट सिर्फ़ 6 जिलों अमृतसर, पठानकोट, जालंधर, लुधियाना, पटियाला और मोहाली में पैदा हो रहा है। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से पिछले महीने इस वेस्ट को सही तरीको साथ संभालने, इसके निपटारे के निर्देश जारी किये गए थे। कोरोना पीडितों के इलाज कारण पैदा हुए इस बायो मैडीकल वेस्ट के साथ वातावरण और मानवीय सेहत को किसी तरह की हानि न पहुंचे, इसके लिए बोर्ड की तरफ से विशेष टीमों का गठन किया गया है, जो इस वेस्ट के निपटारे पर पूरी निगरानी रख रही हैं।

इसके लिए 300 के करीब लोगों को मैडीकल वेस्ट उठाने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है और 79 वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। वेस्ट के निपटारे की निगरानी की ज़िम्मेदारी 20 आधिकारियों की टीम को सौंपी गई है। इस बारे में बोर्ड के मैंबर करुनेश गर्ग ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों को बोर्ड की तरफ से जारी किये गए निर्देशों को मानने की सलाह दी है। इस मैडीकल वेस्ट के निपटारे के बारे में बताते पंजाब यूनिवर्सिटी के वातावरण विभाग के चेयरपरसन डा. सुमन मोर ने कहा कि कोविड -19 के मरीज़ों के इलाज दौरान पैदा हुए बायो मैडीकल वेस्ट को दूसरे कूड़े में नहीं मिलाया जा सकता है, क्योंकि इसके साथ महामारी का ख़तरा कहीं ज़्यादा अधिक हो सकता है। 

Suraj Thakur