पंजाब में 6 सीटों पर 2014 के मुकाबले कम पड़े वोट, Voters के मूड ने उड़ाई उम्मीदवारों की नींद

punjabkesari.in Tuesday, May 21, 2019 - 11:25 AM (IST)

जालंधर(नरेश) : लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल के नतीजों ने उम्मीदवारों के दिलों की धड़कनें बढ़ाई हुई हैं, लेकिन ज्यादा नींद उन हलकों के उम्मीदवारों की उड़ी है जहां वोट प्रतिशत में गिरावट देखी गई है। पंजाब में पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 5 फीसदी कम वोट पोल हुए हैं।

पिछली बार 70.63 फीसदी लोगों ने वोट के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया था जबकि चुनाव आयोग के डाटा के मुताबिक इस बार 65.77 फीसदी लोगों ने ही वोट के अपने हक का इस्तेमाल किया। हालांकि इस बार वोटरों की संख्या में अच्छी-खासी वृद्धि हुई थी।  पंजाब में 20892674 वोट रजिस्टर्ड थे लेकिन इनमें से करीब 1 करोड़ 37 लाख वोटरों ने ही मत के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया, जबकि पिछली बार यह आंकड़ा 1 करोड़ 38 लाख से भी ज्यादा था। 

ये रहे कम वोट होने के कारण

  • गर्मी के कारण वोटर दोपहर के समय बाहर नहीं  निकले।
  •  दोनों दलों के प्रति नाराजगी के चलते कई स्थानों पर वोट नहीं पड़े।
  •  डेरा ब्यास में भंडारे के चलते भी कई वोटर व्यस्त रहे।
  •  कई स्थानों पर वोटरों का पता बदलने के कारण वोट बदल गया था।
  •  कुछ लोग वीकैंड मनाने शनिवार को ही छुट्टी पर चले गए थे।

 
सबसे कम अमृतसर में पोलिंग

अमृतसर में पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार कम पोलिंग हुई है। अमृतसर में महज 57.08 फीसदी लोगों ने मत के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया। अमृतसर के कुल वोटरों 1500940 का यदि प्रतिशत के लिहाज से हिसाब लगाया जाए तो इस बार करीब 856665 वोटरों ने वोट डाला है जबकि पिछली बार 1007286 लोगों ने वोट के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया था। लिहाजा इस बार 150621 कम लोगों ने वोट डाले। लोगों का कम संख्या में वोट डालने के लिए उतरना ही इस सीट के उम्मीदवारों की नींद उड़ाने के लिए काफी है। यही हालत लुधियाना, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, जालंधर और संगरूर सीटों पर रही और यहां पर भी वोटरों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। हालांकि पंजाब केसरी ने कम वोट के कारणों की जानकारी हासिल करने के लिए पंजाब के चुनाव कमिश्नर के साथ कई बार बातचीत करने की कोशिश की लेकिन व्यस्त होने के कारण वह फोन  नहीं आ उठा सके।

Naresh Kumar