दुकानदार से बरामद 77 तोतों को मिली आजादी, खुले में छोड़े

punjabkesari.in Friday, Nov 29, 2019 - 04:56 PM (IST)

पठानकोट (शारदा): सियाली कुलियां में निरंकारी भवन के करीब पक्षियों का अवैध रूप से कारोबार करने वाले दुकानदार मोहम्मद जाहिद पुत्र मोहम्मद शरीफ को वन संरक्षण विभाग की टीम द्वारा पिछले दिन काबू करने के बाद अहम रहस्योदटन हुए हैं। इस संबंध में डी.एफ. वाइल्ड लाइफ राजेश महाजन ने बताया कि विदेशी पक्षियों की आड़ में देसी पक्षियों की बिक्री आपराधिक श्रेणी में आती है तथा यह प्रतिबंधित हैं। उक्त दुकानदार गैर कानूनी ढंग से पक्षियों का कारोबार कर रहा था जो कि प्रोटैक्शन एक्ट 1975 के अधीन आता है। आरोपी को आज न्यायालय में पेश किया गया। इस पर दो साल तक केस चल सकता है तथा पक्षियों का अवैध रूप से कारोबार करने में लिप्त पाए जाने वाले दोषी को 3 साल तक सजा यां 25 हजार जुर्माना यां दोनों ही सजाएं हो सकती हैं।

डी.एफ.ओ. राजेश ने बताया कि कोर्ट के आर्डर करने पर उक्त दुकानदारों से बरामद 77 तोतों जोकि स्वस्थ स्थिति में थे, को न्यायालय परिसर से ही आकाश की ओर छोड़ दिया गया है। चूंकि यह पक्षी थी इसलिए इन्हें खुले में छोड़ दिया परन्तु अगर पशु की श्रेणी में कोई जानवर आता तो उसे वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी में छोड़ दिया जाता। जंगलों में रहने वाले पशु वाइल्ड लाइफ के अधीन आते हैं क्योंकि पशु एक बार अपना ठिकाना छोड़कर दूरस्थ आने पर वापिस सुनिश्चित नहीं कर पाते जबकि पक्षी कहीं से भी पकड़कर लाया गया तथा कितनी भी दूर क्यों न कोई पकड़कर लाया छूटने की स्थिति अपने पुराने ठिकाने को ढूंढकर वापिस वहीं पहुंच जाते हैं। 

उन्होंने कहा कि देसी पक्षी को कैद रखना प्रोटैक्शन एक्ट 1975 के तहत आता है जिसकी बिक्री अवैध मानी जाती है। अगर किसी ने विदेशी पक्षी इम्पोर्ट करके देश के किसी कोने में लाना हो तो इसके पास लाइसैंस व क्लीयरैंस होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को पक्षियों को आकाश में उड़ते देखकर उन्हें फोटो में कैप्चर करना चाहिए न कि पकड़कर घरों में कैप्चर करके उनकी प्रासंगिकता समाप्त करनी चाहिए। डी.एफ.ओ. ने कहा कि पक्षी इन्सानों के मित्र पक्षी होते हैं उनकी आजादी सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को नियमों की जानकारी होनी चाहिए व दूसरों को भी इस बाबत जागरूक करना चाहिए।
 

Mohit