50वें दिन 879 श्रद्धालुओं ने किए करतारपुर साहिब के दर्शन

punjabkesari.in Sunday, Dec 29, 2019 - 01:45 PM (IST)

डेराबाबा नानक (वतन): भारत-पाक सीमा पर निर्मित करतारपुर साहिब कारिडोर को 50 दिन पूरे होने तक 32140 श्रद्धालुओं ने गुरूद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन किए जबकि 879 श्रद्धालु दशनार्थ पाकिस्तान गए। गुरू नानक देव जी के जीवन से संबंधित धरती जहां श्री गुरू नानक देव जी ने किरत करो वंड छको व नाम जपो का उपदेश दिया, भाई लहने को गुरू अंगद देव जी के रूप में गुरू गद्दी सौंपी हमेशा संगत को अपनी तरफ आकर्षित करती रही है। गुरूद्वारा श्री करतारपुर साहिब अब मात्र भारत या गुरू नानक नाम लेवा संगत के लिए प्रसिद्ध नहीं बल्कि पाकिस्तान से भी लोग यहां पहुंचे रहे हैं और पाकिस्तान सरकार द्वारा पाकिस्तानियों के लिए भी एैंटरी फीस लगा दी गई है। लाहौर, नारोवाल व सियालकोट से संबंधित कालेजों व यूनिवर्सिटियों के विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में गुरूद्वारा पहुंच रहे हैं। देखने में आया है कि मुस्लिम विद्यार्थी ही नहीं बल्कि दोनों देशों के नई पीढ़ी के नौजवान कट्टरपंथी सोच के विरुद्ध हैं।

गले लगाने व सैल्फियों का दौर
भारत से गुरूद्वारा करतारपुर दर्शनार्थ गए श्रद्धालुओं के लिए पाकिस्तान द्वारा भरपूर स्वागत किया जा रहा है और जहां भारतीय श्रद्धालुओं को गले लगाकर अपने प्यार का इजहार कर रहे हैं, वही भारतीय लोग भी सैल्फियां ले रहे हैं।

करतारपुर साहिब के रास्ते पर पाकिस्तानियों के कड़वे बोल
जब करतारपुर साहिब के रास्ते का पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उद्घाटन किया तो पाकिस्तान के रेलवे मंत्री शेख रासिद ने कहा कि करतारपुर कारिडोर खोलने के पीछे सैना मुखी बाजवा का दिमाग कार्य कर रहा है जबकि पूर्व सैना मुखी मिर्जा असलम बेग ने भी इस रास्ते को खालिस्तान की कार्रवाईयों से जोड़ दिया।

संगत ने गुरूद्वारा करतारपुर साहिब के लंगरों के भरे भंडार
भारतीय संगत द्वारा गुरूद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन दौरान गुरूद्वारा के लंगर भंडार भर दिए गए हैं और लंगर बनाने वालों द्वारा जिस तरह की खाद्य सामग्री भारतीय संगत से मांगी जाती है, वही सामग्री उपलब्ध करवा दी जाती है। भारतीय संगत टमाटर, अदरक, दालें, घी आदि भेजकर स्वयं को सौभाग्यशाली समझ रही है और लंगर के लिए बनती सेवा कर रही है।

शिरोमणि कमेटी ने संगत के लिए उपलब्ध करवाई सुविधाएं 
शिरोमणि कमेटी ने श्रद्धालुओं के लिए 34 सेवा केन्द्र पंजाब व हरियाणा में खोल दिए हैं जहां श्रद्धालु जो कम्प्यूटर का ज्ञान नहीं रखते, वह इन सेवा केन्द्रों से मुफ्त तौर पर करतारपुर साहिब के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त डेरा बाबा नानक के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड से करतारपुर साहिब तक फ्री बस सेवा भी शुरू की गई जिसका विस्तार करते हुए कमेटी द्वारा अब अमृतसर से डेरा बाबा नानक तक बस सेवा शुरू होने जा रही है। इसके अतिरिक्त शिरोमणि कमेटी द्वारा प्रतिदिन रागी ढाढियों का जत्था संगत के रूप में करतारपुर साहिब भेजकर कीर्तन करने की प्राथमिकता की गई लेकिन पता चला है कि पाकिस्तान प्रबंधकों द्वारा इस सेवा को बंद कर दिया गया है।

सरबत का भला ट्रस्ट की पहलकदमी
सरबत का भला ट्रस्ट संस्था के मुखी डा. एस.पी. सिंह ओबराय द्वारा घोषणा की गई कि प्रत्येक वर्ष 1100 संगत को वह ट्रस्ट के खर्च पर पाकिस्तान स्थित गुरूद्वारा श्री करतारपुर साहिब भेजेगा। इसके अतिरिक्त ट्रस्ट द्वारा एक ओंकार का निशान व भाई मरदाना की रबाब की करतारपुर कारिडोर के मुख्य द्वार पर स्थापित की गई। करतारपुर दर्शन स्थल पर साफी पानी के आर.ओ. सिस्टम लगा दिए गए और अब घोषणा की गई है कि गर्मियों में करतारपुर मार्ग पर संगत की सुविधा हेतु आर.ओ. सिस्टम लगा दिए जाएंगे।

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