ब्लड मनी खर्च कर मौत के मुंह से बचाए 9 नौजवान पहुंचे घर

punjabkesari.in Tuesday, Jun 09, 2020 - 09:38 AM (IST)

पटियाला(राजेश) : बिना कोई धर्म, जाति और देश देखते हुए अनेक मांताओं के पुत्रों को मौत के मुंह से बचाकर लाने के कारण पूरी दुनिया में शांति के दूत के तौर पर जाने जाते सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख डा. एस.पी. सिंह ओबराय की तरफ से अपनी नेक कमाई में से लाखों रुपए ब्लड मनी के रूप में खर्च करके दुबई में मौत के मुंह से बचाए गए 14 नौजवानों में से आज 9 नौजवान अपने घरों में पहुुंच गए। डा. ओबराय की वजह से कई घरों में खुशियां लौटीं हैं। 

डा.ओबराय ने बताया कि जेल में से रिहा हुए 9 भारतीय और 2 पाकिस्तानी नौजवान कुछ समय पहले विशेष जहाजों द्वारा अपने वतन पहुंच गए थे जबकि 3 भारतीय नौजवान जहाज में सीट न मिलने के कारण अभी दुबई में हैं, जो जल्दी ही वापस आ जाएंगे। भारत पहुंचे 9 नौजवानों को कोरोना वायरस कारण मिल्ट्री अस्पताल चेन्नई में 3 सप्ताह के लिए रखा गया था। नौजवानों को ट्रस्ट अपने खर्च पर जहाज द्वारा चेन्नई से दिल्ली लाया और फिर टैक्सियों द्वारा उनको आज अपने परिवारों के पास पहुंचा दिया है।पंजाब पहुंचे नौजवानों ने नम आंखों के साथ डा. ओबराय का धन्यवाद करते हुए कहा कि वह उनके लिए घने अंधेरे में एक रौशनी की किरण बन कर आए और उनको मौत के मुंह में से निकाल लाए हैं। जिक्रयोग है कि 31 दिसंबर 2015 को शारजाह में हुए एक ग्रुप झगड़े के दौरान जालंधर जिले के कस्बा समराय के 23 वर्षीय अश्वि अली पुत्र यूसुफ अली और कपूरथला के गांव पंडोरी के 25 वर्षीय वरिन्दरपाल सिंह पुत्र शिंगारा सिंह की मौत हो गई थी।

उन्होंने बताया कि इस केस में कुल 14 नौजवान दोषी पाए गए थे जिनमें से 12 भारतीय और 2 पाकिस्तानी थे। इन सभी नौजवानों को 1 जनवरी 2016 को पुलिस ने पकड़ कर जेल में बंद कर दिया था। नौजवानों के बुजुर्ग मां-बाप ने डा. ओबराय को मिल कर अपने घरों के चिरागों को बचाने के लिए गुहार लगाई थी। इसके बाद डा. ओबराय ने मृतक वरिन्दरपाल के दुबई रहते एक करीबी रिश्तेदार की मदद के साथ पीड़ित परिवार के साथ राजीनामे और सहमति करने उपरांत ब्लड मनी के पैसे देकर समझौतों के असली कागज उन्होंने खुद पेश होकर कोर्ट को सौंपे थे। कई सुनवाइयां होने उपरांत इस साल 8 अप्रैल को अदालत ने फैसला सुनाते हुए सभी नौजवानों की सजा माफ करते हुए जेल में से बरी करने का ऐलान किया था। वर्णनीय है कि इस केस पर सभी खर्च डाल कर 75 लाख के करीब रुपए खर्च हुए हैं जिनमें से कुछ पैसे उक्त नौजवानों के परिवारों ने भी दिए थे।

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