परीक्षाओं के एक दिन पहले सभी क्लासेज के लिए ‘प्रेप्रट्री लीव्स’ की घोषणा, ऑफलाइन ही होंगे एग्जाम

punjabkesari.in Friday, Mar 12, 2021 - 10:04 PM (IST)

लुधियाना (विक्की): पंजाब का शिक्षा विभाग अक्सर अपने अजीबोगरीब कामों को लेकर सुर्खियां बटोर ता रहता है। ऐसा ही आज एक और नया मामला सामने आया है। पंजाब के सभी सरकारी स्कूलों में सोमवार से नॉन बोर्ड क्लासेस की फाइनल परीक्षाएं शुरू हो रही है।  आज दूसरे शनिवार की और कल रविवार की छुट्टी रहेगी ऐसे में शुक्रवार शाम को शिक्षा विभाग ने एक पत्र जारी करते हुए कोविड-19 के फैलाव को रोकने का हवाला देते हुए सभी सरकारी/ गैर सरकारी/ एडिड/ एफिलिएटिड स्कूलों के सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को परीक्षाओं की तैयारी हेतु छुट्टियां (प्रेप्रट्री लीव्स) करने का ऐलान किया है। जिसको लेकर अध्यापक और बच्चों के अभिभावक सोशल मीडिया पर शिक्षा विभाग को खूब खरी-खोटी सुना रहे हैं। चाहे विभाग ने छुट्टियों का एलान कर दिया है लेकिन विभाग ने सभी कक्षाओं की परीक्षाएं ऑफलाइन लेने का फैसला किया है जबकि अधिकतर निजी स्कूलों में छोटी कक्षाओं की फाइनल परीक्षाएं ऑनलाइन मोड के द्वारा ही ली जा रही हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश

  • सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए ‘प्रेप्रट्री लीव्स’ घोषित की गई है। लेकिन इन  कक्षाओं के विद्यार्थी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जरूरत अनुसार अध्यापकों से दिशा निर्देश लेने हेतु स्कूल में उपस्थित हो सकते हैं।
  • अध्यापक पहले की तरह ही स्कूल में उपस्थित होंगे।
  • विभाग द्वारा सभी कक्षाओं की परीक्षाएं कोविड-19 के संबंध में समय-समय पर जारी गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए ऑफलाइन ली जाएँगी, परंतु इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि परीक्षाओं के दौरान स्कूल में भीड़ ना हो।
  • इन परीक्षाओं की प्रक्रिया को सुचारू ढंग से कोविड-19 गाइडलाइन्स के मद्देनजर संपन्न करने हेतु डायरेक्टर एससीईआरटी द्वारा अलग तौर पर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं।
  • जहां कहीं अध्यापक विद्यार्थी कोरोना ग्रसित पाए जाते हैं तो संबंधित स्कूल द्वारा स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड-19 के संबंध में जारी दिशा निर्देशों की पालना की जाएगी।
  • इन दिशानिर्देशों के अलावा विभाग द्वारा जारी पत्रों में दर्ज दिशा निर्देशों और भारत सरकार राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के संबंध में समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों की पालना की जाए।

कोविड-19 के प्रति गंभीर नहीं हैं शिक्षा विभाग के अधिकारी
इस संबंध में विभिन्न अध्यापकों ने अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि राज्य भर के विभिन्न स्कूलों में रोजाना दर्जनों की संख्या में विद्यार्थी और अध्यापक कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। लेकिन विभाग द्वारा ना तो इस संबंध में कोई सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं और ना ही अभी तक विद्यार्थियों और अध्यापकों के लिए कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करवाई गई है। ऐसे में स्कूली विद्यार्थियों और अध्यापकों को बिना किसी सुरक्षा प्रबंध के कोरोना से कैसे बचाया जा सकता है यह तो विभाग के उच्च अधिकारी ही बता सकते हैं।

विभाग वाहवाही लूटने के चक्कर में
अध्यापकों और विभिन्न अभिभावकों ने बताया कि ना तो स्कूल बंद हुए हैं और ना ही किसी प्रकार की कोई छुट्टी हुई है। शनिवार को दूसरे शनिवार की छुट्टी है और सोमवार से सभी नॉन बोर्ड कक्षाओं की परीक्षाएं शुरू हो रही है ऐसे में विभाग द्वारा कोरोना के फैलाव को रोकने का हवाला देते हुए ‘प्रेप्रट्री लीव्स’ करने की बात किसी मजाक से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि विभाग अपने आप को  कोरोनावायरस से विद्यार्थियों को संक्रमित होने से बचाने हेतु विद्यार्थी हितैषी साबित करने और झूठी वाहवाही लूटने के चक्कर में है।

अतीत से नहीं लिया सबक
अध्यापकों ने आगे बताया कि राज्य भर के विभिन्न स्कूलों में पिछले दिनों के दौरान लगातार विद्यार्थियों और अध्यापकों के कोरोना वायरस होने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं इस दौरान लुधियाना जिले के ग़ालिब कलां स्कूल की एक अध्यापक की कोरोना संक्रमित होने से मौत भी हो चुकी है। लेकिन विभाग ने  इस घटनाक्रम से कोई सबक नहीं लिया और अब परीक्षाओं के 1 दिन पहले ‘प्रेप्रट्री लीव्स’ की घोषणा करना अधिकारियों की घटिया कार्यशैली का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

नॉन बोर्ड क्लासेस के हो ऑनलाइन एग्जाम
अभिभावकों  ने शिक्षा विभाग से मांग करते हुए कहा कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड कक्षाओं को छोड़कर पहली से 9वी और 11वीं कक्षा की फाइनल परीक्षा ऑनलाइन मोड के जरिए होनी चाहिए। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण को लेकर अगर विभाग इतना ही गंभीर है तो पेपर ऑफलाइन मोड में क्यों लिए जा रहे हैं? फिर टो पेपर भी ऑनलाइन होने चाहिए। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो विभाग द्वारा स्कूलों में भीड़ ना करने के दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं और दूसरी तरफ विभाग के अधिकारियों द्वारा मौखिक रूप से स्कूलों में विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत अटेंडेंस के लिए दबाव बनाया जा रहा है। सभी विद्यार्थियों को फाइनल परीक्षाओं में उपस्थित होने के लिए कहा जा रहा है। अगर कोई विद्यार्थी परीक्षाओं में उपस्थित नहीं होता

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Yaspal