श्री हरिमंदिर साहिब के दर्शनों के लिए भारी संख्या में पहुंची संगत, नहीं कर सकी दर्शन

punjabkesari.in Monday, Jun 01, 2020 - 10:20 AM (IST)

अमृतसर (अनजान): 6 जून के घल्लूघारा दिवस को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा श्री हरिमंदिर साहिब के बाहर नाकों पर पूरी मुस्तैदी के साथ सख्ती इस्तेमाल की जा रही है, इसलिए कि किसी शरारती तत्व द्वारा कोई अप्रिय घटना को अंजाम न दे दिया जाए, इसलिए संगत में से किसी को भी दर्शनों के लिए नहीं जाने दिया जा रहा। अगर कोई शिरोमणि कमेटी मुलाजिम या सेवा वाली संगत श्री हरिमंदिर साहिब के अंदर जाना चाहती हैं तो उनके आई कार्ड या पास चैक करके जाने दिया जा रहा है, इसलिए बहुत सी संगत जो इससे अनजान है। ऐतराज भी करती देखी जा रही हैं। संगत का कहना है कि पुलिस वाले अपने रिश्तेदारों या लिहाज वाले लोगों को जाने देते हैं, परन्तु पुलिस वालों का कहना है कि केवल पास वाले और ड्यूटी मुलाजिम ही अंदर भेजे जा रहे हैं। नाके पर तैनात ए.एस.आई. ने बताया कि संगत के भले के लिए ही इस तरह सख्ती की जा रही है, परन्तु फिर भी कई संगत यह शंका करती है कि हम लिहाज पाल रहे हैं। गुरुघर में सभी बराबर हैं और किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता। पुलिस अपनी ड्यूटी पूरी इमानदारी व तनदेही के साथ निभा रही हैं। 

श्री अकाल तख्त साहिब पर रहरासि साहिब के पाठ उपरांत सरबत के भले की अरदास की
श्री अकाल तख्त साहिब पर ग्रंथी सिंह द्वारा शाम के समय रहरासि साहिब जी के पाठ किए गए। इसके उपरांत सिंह साहिब ज्ञानी मलकीत सिंह एडी. हैड ग्रंथी श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा कोरोना पर फतेह पाने के लिए समूह विश्व के भले ली अरदास की गई। इसके उपरांत गुरुसाहिबान व शहीद सिंहों के शस्त्रों के दर्शन करवाए गए। जगबाणी/पंंजाब केसरी के साथ विशेष मुलाकात करते ज्ञानी मलकीत सिंह ने कहा कि सच्चे मन से गुरुसाहिब आगे की अरदास कभी व्यर्थ नहीं जाती। यह वह दर है, जहां बड़ी से बड़ी बीमारी दूर हो जाती है, फिर कोरोना क्या है, जो भी इस दर पर आएगा रोग मुक्त होकर जाएगा।

संगत व ड्यूटी सेवकों ने संभाली मर्यादा
दर्शन करने वाली संगत के श्री हरिमंदिर साहिब में प्रवेश न किए जाने पर तीन पहरों की संगत व ड्यूटी सेवकों ने श्री हरिमंदिर साहिब की मर्यादा संभाली। किवाड़ खुलने और गुरुनानक साहिब द्वारा उच्चारण की श्री आसा जी दी बार की वाणी के कीर्तन किए गए। उपरांत ग्रंथी सिंह द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में से पहला हुक्मनामा लिया गया। संगत ने जोड़े घर, परिक्रमा के स्नान की सेवा, ठंडे मीठे जल की छब्बील पर सेवा और लंगर हाल में सेवा की। रात के समय श्री हरिमंदिर साहिब से फूलों से सजी सुनहरी पालकी में पवित्र श्री गुरु ग्रंंथ साहब जी का स्वरूप सुशोभित करके श्री अकाल तख्त साहिब में सुखआसन स्थान पर विराजमान किया गया।

Vatika