पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान पर हाईकमान के हस्तक्षेप की चर्चाओं में नया मोड़

punjabkesari.in Friday, May 21, 2021 - 11:04 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी कुमार): पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान को शांत करने के लिए हाईकमान द्वारा जल्द मोर्चा संभालने की चर्चाओं में नया मोड़ आ गया है। अभी तक कहा जा रहा था कि हाईकमान के निर्देश पर जल्द ही पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत पंजाब का दौरा कर मंत्रियों व विधायकों से बातचीत करेंगे। वहीं, वीरवार को सामने आया कि हरीश रावत की अचानक तबीयत खराब हो गई है। 

बताया गया कि कोविड से उबरने के बाद उनके गले में खराश और वोकल कॉर्ड में कुछ समस्या है, जिस कारण उन्हें लगातार बोलने में कठिनाई महसूस हो रही है इसलिए वह जैसे ही बेहतर होंगे, तभी विचार, विनिमय और बातचीत करेंगे। उधर, पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने भी हाईकमान के हस्तक्षेप पर संशय को देखते हुए सीधे दिल्ली रवानगी का नारा बुलंद कर दिया है। सिद्धू ने वीरवार दोपहर को सोशल मीडिया पर लिखा कि अब विधायकों और पार्टी कार्यकत्र्ताओं को दिल्ली जाकर हाईकमान को सच लाजिमी बताना चाहिए, जो वह लगातार बता रहे हैं। सिद्धू ने लिखा कि 2019 में उन्होंने पंजाब में चुनाव प्रचार का आरंभ और अंत एक ही मांग के साथ किया था कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी का इंसाफ मिले, दोषियों को सजा मिले और उनको बचाने वालों को भी सजा दी जाए। 

सिद्धू ने वीडियो शेयर किया, अब प्रियंका गांधी से उम्मीद
सोशल मीडिया पर सिद्धू ने एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पंजाब दौरे की झलकियां व प्रियंका गांधी के साथ सिद्धू की तस्वीर को प्रमुखता से जोड़ा गया है। इस वीडियो में सिद्धू की प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के साथ वह तस्वीर भी है, जो उनके ट्विटर अकाऊंट की कवर फोटो है। कहा जा रहा है कि इन तस्वीरों के जरिए सिद्धू हाईकमान के प्रति अपनी निष्ठा के साथ-साथ उन तमाम अटकलों पर विराम लगा रहे हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि सिद्धू कांग्रेस का दामन छोड़ सकते हैं। साथ ही सिद्धू यह संदेश भी दे रहे हैं कि अब उनकी उम्मीद प्रियंका गांधी से है। ऐसा इसलिए भी है कि कै. अमरेंद्र सिंह से नाराजगी के बीच आमतौर पर प्रियंका गांधी ही सिद्धू के साथ संपर्क करती रही हैं। मई 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान जब नाराजगी के चलते सिद्धू के चुनाव प्रचार से दूरी बनाने की चर्चाओं का बाजार गर्म था तब सिद्धू प्रियंका गांधी के कहने पर ही पंजाब में चुनाव प्रचार करने उतरे थे। अभी हाल ही में जब कैप्टन ने सिद्धू को बातचीत के लिए न्यौता दिया था, तब भी सिद्धू कैप्टन से बैठक के बाद प्रियंका गांधी से मिलने दिल्ली गए थे।
 

‘बैठक में शामिल नेताओं के आंकड़े झूठे
जाखड़ ने कहा कि मीटिंगों में हाजिर लोगों के झूठे आंकड़े देकर ये नेता ऐसे अभियान की लीडरशिप करने का भ्रम पाल रहे हैं जोकि असल में कोई अभियान है ही नहीं। उन्होंने अल्टीमेटम देकर झूठी वाहवाही लूटने की कोशिश करने वाले नेताओं से पार्टी नेताओं को अवगत करवाते हुए कहा कि इनकी पार्टी की छवि को नुक्सान पहुंचाने वाली कार्रवाइयों पर हाईकमान नजर रखे हुए है व ऐसे नेताओं का साथ घाटे का सौदा साबित होगा इसलिए ऐसे नेताओं से दूर रहा जाए जो अपने निजी स्वार्थों की पूॢत के लिए किसी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं और जिन्हें इस समय पंजाब के असल मुद्दे कोविड के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई की बजाय अपने हित सर्वोपरि हुए पड़े हैं। जाखड़ ने कहा कि फिर भी अगर किसी वरिष्ठ नेता की कोई भावना आहत हुई है तो उसका हल करने के लिए पार्टी हाईकमान कार्यरत है। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान के सारा मसला ध्यान में है व इस मसले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। इस समय किसी गलतफहमी में आकर कोविड से ध्यान न हटाया जाए, क्योंकि हमारी सबकी जिम्मेदारी लोगों के प्रति होनी चाहिए और इस समय सबसे बड़ी जरूरत कोविड को रोका जाना है। जाखड़ ने कहा कि पार्टी नेता अपने कोविड-19 काम के लिए सरकार द्वारा दिए कार्यक्रम पर फोकस करें। 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर कोविड-19 से बचाव के लिए सेवा कार्य करते हुए इस दिवस को मनाएं। 


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Vatika

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