Punjab: बरसाती मौसम में फैल रही भयानक बीमारी, रहे Alert, जारी हुई Advisory

punjabkesari.in Thursday, Aug 01, 2024 - 04:05 PM (IST)

अमृतसर (दलजीत) : बरसात के मौसम में डायरिया ने पैसार लिए हैं और मरीजों की संख्या बढ़ गई हैं। सरकारी अस्पतालों की ओ.पी.डी. और प्राइवेट डॉक्टरों के पास राेज उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। डायरिया से पीड़ित 14 वर्ष तक के बच्चों की संख्या अधिक है, वहीं बुजुर्ग भी प्रभावित हैं। सिविल सर्जन डॉ. सुमित सिंह ने डायरिया को लेकर एडवाइजरी जारी करते हुए लोगों को अपने, बुजुर्गों के अलावा बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी, साथ ही उन्होंने लोगों को बाहरी और कटे हुए बाजारी फल खाने से मनाही की है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करते हुए कहा कि सारी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं।

जानकारी के अनुसार बरसाती मौसम में अन्य बीमारियाें के अलावा सरकारी मैडीकल कॉलेज के बच्चा विभाग में रोजाना 2 दर्जन से अधिक डायरिया से पीड़ित बच्चों के मामले आ रहे हैं। इसके अलावा अन्य सरकारी अस्पतालों में भी डायरिया से पीड़ित बच्चों के उल्टी-दस्त के अलग-अलग कारणों से मामले सामने आ रहे हैं। दूसरी ओर सिविल ने बताया कि एक साथ डायरिया के मामले किसी भी जगह से जिले में नहीं आए हैं, उल्टी-दस्त के मामले विभिन्न इन्फैक्शन व अन्य कारणों के सामने आ रहे हैं। सभी सरकारी अस्पतालों व मैडीकल कॉलेज के शिशु विभाग से रोजाना रिपोर्ट ली जाती है और देखा जाता है कि किसी एक जगह से ही डायरिया के मामले सामने से तो नहीं आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि सेहत कर्मचारी डायरिया से पीड़ित बच्चों का फीडबैक लेकर उनके घरों तक जाकर अभिभावकों को जागरूक करते हैं और सेहत योजनाओं से लाभान्वित करते हैं। सरकारी मैडीकल कॉलेज के अलावा सभी अस्पतालों में विशेष वार्ड बनाकर एस.एम.ओ. को डायरिया से संबंधित मामलों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। सिविल सर्जन ने कहा कि अगर किसी को उल्टी-दस्त की शिकायत आती है तो तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करवाएं। विभाग द्वारा जहां शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छर निरोधक दवा का छिड़काव किया जा रहा है, वहीं लोगों को भी स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करना चाहिए।

डायरिया की बीमारी को लोग गंभीरता से लें
सरकारी वेरका अस्पताल के एस.एम.ओ. डॉ. राजकुमार ने बताया कि अगर किसी बच्चे को डायरिया हो तो समय पर इलाज होने से उसकी जान बच जाती है। दस्त होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज करवाना चाहिए। सरकारी वेरका अस्पताल में शिशु विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर मरीजों का अच्छा इलाज कर रहे हैं व योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।

सरकारी मैडीकल कॉलेज में डायरिया से पीड़ित कई बच्चे हैं भर्ती
सरकारी मैडीकल कॉलेज के शिशु विभाग में डायरिया से पीड़ित कई बच्चे भर्ती हैं। सहायक प्रो. डॉ. संदीप अग्रवाल ने बताया कि शिशु विभाग में डायरिया से बचाव के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं और डॉक्टरों की विशेष टीमें 24 घंटे बच्चों का अच्छे ढंग से इलाज कर रही हैं। ओ.पी.डी. के अलावा कुछ बच्चे वार्डों में भी भर्ती हैं, जिनका इलाज आधुनिक तकनीक से लैस मशीनरी से किया जाता है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि इस समय बच्चों को उबला हुआ पानी पिलाना चाहिए। बच्चे को अगर पेट में दर्द या डायरिया का कोई लक्षण दिखे तो तुरंत सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच करवानी चाहिए।

बरसाती मौसम में खान-पान पर लोग दें विशेष ध्यान
इंडियन मैडीकल एसोसिएशन के टी.बी. नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. नरेश चावला ने बताया कि बरसात के मौसम में खांसी के मरीजों की संख्या तो कम हो गई है, लेकिन पेट संबंधी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। लोगों को बरसाती मौसम में अपने खाने-पीने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बाहरी खाने वाले पदार्थों से परहेज करना चाहिए। पेट में दर्द या इन्फैक्शन होने पर तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

डायरिया के मरीजों के लिए ओ.आर.एस. का अधि करें प्रयोग
इंडियन मैडीकल एसोसिएशन के सदस्य डॉ. रजनीश शर्मा ने कहा कि डायरिया के मरीजों के लिए ओ.आर.एस. के घोल का अधिक प्रयोग करना चाहिए और इस बीमारी के मुख्य लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए। डायरिया खाने-पीने के अलावा इन्फैक्शन और अन्य कारणों से हो सकता है। लोगों को डॉक्टर के पास जाकर इसका मुख्य कारण ढूंढकर इलाज करवाना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा डायरिया की रोकथाम के लिए जहां लोगों को जागरूक किया जाता है, वहीं समय-समय पर एडवाइजरी भी जारी की जाती है।


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Vatika

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