फ्लाइट से नेपाल जाने के लिए आधार कार्ड नहीं हो सकता वैध दस्तावेज:उपभोक्ता फोरम

punjabkesari.in Wednesday, Jul 17, 2019 - 01:21 PM (IST)

फतेहगढ़ साहिबःराष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम ने एक याचिककर्ता की अपील को खारिज करते हुए फ्लाइट में नेपाल जाने के लिए आधार कार्ड को वैध दस्तावेज नहीं माना है। जानकारी के अनुसार  फतेहगढ़ जिले के खमाणो के रहने वाले दिनेश कुमार ने दिल्ली से काठमांडू जाने के लिए ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी से स्पाइस जेट एयरलाइंस की एक टिकट बुक कराई थी। वह  5 जुलाई 2013 को अपनी ई-टिकट और आधार कार्ड लेकर चेक इन के लिए गया तो एयरलाइंस ने आधार को नेपाल जाने के लिए एक वैध यात्रा दस्तावेज मानने से इंकार कर दिया और उन्हें बोर्डिंग पास जारी नहीं किया। 

इस आदेश के खिलाफ उपभोक्ता जिला फोरम में शिकायत की।  जिला फोरम ने 30 सितंबर 2014 को  एयरलाइंस कंपनी को जिम्मेदार मानते हुए उस पर जुर्माना लगा दिया। इसमें ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी को जिम्मेदार नहीं माना गया। एयरलाइंस ने इस आदेश को पंजाब राज्य उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी। राज्य आयोग ने 22 जनवरी 2016 को दिए आदेश में एयरलाइंस की अपील को नामंजूर कर दिया। एयरलाइनस ने फि राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी। आयोग के पीठासीन सदस्य डा. एस.एम. कानिटकर व सदस्य दिनेश सिंह ने 15 जुलाई 2019 को दिए आदेश में कहा कि ई-टिकट पर दी गई जानकारी के मुताबिक यात्री को सरकार द्वारा जारी फोटो पहचान रखना अनिवार्य है। इसमें ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पैनकार्ड, वोटर आईडी कार्ड या सरकार द्वारा जारी कोई अन्य आईडी हो सकती है। छोटे बच्चों के लिए जन्मप्रमाण पत्र आवश्यक है। 

नेपाल जाने के लिए यह दस्तावेज है मान्य
इमीग्रेशन ब्यूरो, गृह मंत्रालय व भारत सरकार की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक हवाई जहाज से नेपाल जाने व वहां से आने के लिए भारतीयों के लिए वैध पहचान पत्रों में- पासपोर्ट, केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र या वोटर आईडी कार्ड शामिल हैं। इसके अलावा काठमांडू में भारतीय दूतावास द्वारा इमरजेंसी सर्टिफिकेट या पहचान पत्र भी इस्तेमाल हो सकते हैं। 65 साल से अधिक व 15 साल से कम के लोगों को इन दस्तावेजों से छूट दी जा सकती है, पर उनके पास उनका फोटो लगा ऐसा कोई दस्तावेज होना चाहिए। 15 से 18 साल के बच्चे निर्धारित प्रपत्र पर स्कूल के प्रधानाचार्य की ओर से जारी पहचान सर्टिफिकेट पर भी यात्रा कर सकते हैं। अगर पूरा परिवार नेपाल जा रहा हो तो परिवार के एक बालिग सदस्य के पास ही पहचान के मुख्य दस्तावेज जरूरी हैं। बाकी सदस्यों के पास पहचान के कोई भी दस्तावेज हो सकते हैं।  आधार कार्ड नेपाल जाने के लिए एक वैध यात्रा दस्तावेज नहीं है। पीठासीन सदस्य का कहना था कि इस बारे में शिकायतकर्ता का तर्क था कि आधार कार्ड भारत सरकार द्वारा जारी अन्य आईडी कार्ड की श्रेणी में आता है, जैसा कि टिकट पर भी लिखा था।

 नेपाल जाने के लिए वैध दस्तावेज नहीं आधार कार्ड
आयोग ने कहा कि यह तर्क दोषपूर्ण है। आधार नंबर यूनीक आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा भारतीय नागरिकों को जारी किया जाता है और इसे नेपाल जाने के लिए वैध दस्तावेज नहीं माना जा सकता। आयोग ने आगे कहा कि नेपाल जाने के लिए इमीग्रेशन ब्यूरो, गृह मंत्रालय व भारत सरकार ही ट्रैवल डॉक्यूमेंट तय कर सकती है। इनके द्वारा तय दस्तावेजों के अलावा कोई भी एयरलाइंस अपनी तरफ से किसी और दस्तावेज को नेपाल जाने के लिए मान्यता नहीं दे सकती। यही नहीं अगर कोई एयरलाइंस गलती से किसी ई-टिकट पर आधार को मान्य करने की बात लिखदे और एयरलाइंस इसके आधार बोर्डिंग पास जारी कर दे तो वह नियमों के उल्लंघन की दोषी होगी। आयोग ने कहा कि इन सभी तथ्यों को देखते हुए हमारा मानना है कि जिला फोरम ने एयरलाइंस को दोषी मानकर गलती की है। इसके अलावा राज्य आयोग ने भी एयरलाइंस की अपील को नामंजूर करके गलती की। हमें दिनेश कुमार की शिकायत तुच्छ और अफसोसनाक लगती है। इसी आधार पर जिला फोरमव राज्य आयोग के आदेशों को खारिज किया जाता है। इसके अलावा शिकायतकर्ता पर सख्त ताकीद के साथ 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया जाता है।

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