टूटने लगा ‘आप’ व कांग्रेस का कुनबा

punjabkesari.in Tuesday, May 22, 2018 - 09:22 AM (IST)

जालंधर(रविंदर): विधानसभा चुनाव को बीते महज 13 महीने का समय ही पूरा हुआ है। 13 महीने पहले प्रदेश की जनता ने अकाली दल को बुरी तरह से नकार दिया था और प्रदेश के इतिहास में अकाली दल पहली बार तीसरे नंबर पर रही थी। प्रदेश में पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी ने मजबूत दस्तक देते हुए दूसरा नंबर हासिल किया था। मगर इन 13 महीनों के भीतर ही प्रदेश की राजनीति में काफी कुछ बदल गया है। कांग्रेस में कैप्टन अमरेंद्र सिंह की मनमानी व ‘आप’ में अरविंद केजरीवाल के गलत फैसलों के कारण लगातार पार्टी का कुनबा टूट रहा है। 


हैरानी तो यह है कि सत्ताधारी पार्टी के नेता भी कांग्रेस को अलविदा कह कर अकाली दल का दामन थाम रहे हैं, यानी तीसरे नंबर की पार्टी अकाली दल आजकल नेताओं की ज्वाइङ्क्षनग की पसंदीदा पार्टी बनी हुई है। अभी कुछ दिन पहले ही कैप्टन अमरेंद्र सिंह पर पार्टी वर्करों व नेताओं से न मिलने का आरोप लगाकर पूर्व मंत्री बृज भूपिंद्र लाली अकाली दल का हाथ थाम चुके हैं तो आम आदमी पार्टी के नेता बब्बू नीलकंठ, एच.एस. वालिया, हंसराज राणा भी अकाली दल का हिस्सा बन चुके हैं। ‘आप’ के लिए तो जिले में स्थिति बेहद खराब हो चुकी है।

शाहकोट से चुनाव लड़ चुके डा. अमरजीत ङ्क्षथद पहले ही अकाली दल में जा चुके हैं। जालंधर कैंट व आदमपुर से चुनाव लड़ चुके नेता भी अब अकाली दल में हैं। अन्य विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ चुके नेता भी लगातार अकाली दल के संपर्क में हैं। आम आदमी पार्टी व कांग्रेस में लगातार सेंध लगाकर सुखबीर बादल ने आगामी 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों का साफ संकेत दे दिया है। पार्टी में आने वाले नेताओं को अभी से फील्ड में जुटने का निर्देश देते हुए सुखबीर ने यह भी आश्वासन दिया है कि पार्टी में उनका उचित सम्मान किया जाएगा।

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